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Dhurandhar के 4 Minute Trailer ने मचाया था इंटरनेट पर तहलका, Ranveer Singh दिखें सिर्फ 1 मिनट के लिए! क्या थी मेकर्स की स्ट्रेटजी

Dhurandhar 4 Minute Trailer: रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' 20 दिन बाद भी बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है और कमाई में रुकने का नाम नहीं ले रही है. फिल्म 'धुरंधर' का रन टाइम लगभग 3 घंटे 34 मिनट (214 मिनट) है, जो इसे बॉलीवुड की सबसे लंबी फिल्मों में से एक बनाता है. मेकर्स ने फिल्म का ट्रेलर भी 4 मिनट (4 मिनट 7 सेकंड) का जारी किया था, जो फिल्मों के ट्रेलर से लंबा था. आइये जानते हैं इसके पीछे की स्ट्रेटजी

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: December 26, 2025 16:40:24 IST

Dhurandhar 4 Minute Trailer Stands Out: रिलीज के 20 दिन बाद भी रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की फिल्म ‘धुरंधर’ का जलवा लगातार थिएटर्स पर देखने को मिल रहा है. आदित्य धर के निर्देशन में बनी यह फिल्म तीन हफ्तों ये बॉक्स ऑफिस पर दहाड़ रही है और तबड़तोड़ कमाई कर रही है. सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिल्म ‘धुरंधर’ की कुल कमाई अब 633.66 करोड़ रुपये हो गई है और वर्ल्डवाइड कलेक्शन करोड़ क्लब के कलेक्शन में शामिल हो गई है. फिल्म ‘धुरंधर’ का रन टाइम लगभग 3 घंटे 34 मिनट (214 मिनट) है, जिसकी वजह से यह फिल्म बॉलीवुड की सबसे लंबी फिल्मों में से एक बनी है. मेकर्स ने फिल्म का ट्रेलर भी 4 मिनट (4 मिनट 7 सेकंड) का जारी किया था, जो फिल्मों के ट्रेलर से लंबा था. आइये जानते हैं क्या थी 4 मिनट के ट्रेलर के पीछे मेकर्स की स्ट्रेटजी

फिल्म ‘धुरंधर’ के 4 मिनट के ट्रेलर के पीछे मेकर्स की स्ट्रेटजी

दरअसल, फिल्म कैसी होगी, यह फिल्म के ट्रेलर से पता लगता है, इसलिए मेकर्स फिल्म के ट्रेलर को जानदार बनाने के लिए अपनी पूरी मेहनत लगा देते हैं. आज के समय में ट्रेलर सिर्फ फिल्म की झलक नहीं रहा. अब फिल्म का ट्रेलर तय करता है कि लोग थिएटर तक जाएगें या नहीं. ऐसे में फिल्म धुरंधर (Dhurandhar) के ट्रेलर को लेकर कई बातें हुई, क्योंकि इस फिल्म का ट्रेलर 4 मिनट का था, जो बाकी फिल्मों के मुकाबले लंबा है. क्योंकि आमतौर पर बाकी फिल्मों का ट्रेलर 2 से 3 मिनट के होते हैं. लेकिन फिल्म धूरंधर के मेकर्स ने 4 मिनट का ट्रेलर क्यों जारी किया, इसे पीछे क्या स्ट्रेटजी थी, आइये जानते हैं यहां राजीव चूड़ासामा के एंटरटेनमेंट MA+TH के जरीए.

MA+TH एंटरटेनमेंट की मार्केटिंग एजेंसी चलाने वाले राजीव चूड़ासामा से जानें सच्चाई

राजीव चूड़ासामा, इंडस्ट्री में MA+TH एंटरटेनमेंट नाम की कंटेंट मार्केटिंग एजेंसी चलाते हैं, उनका कहना है कि अब फिल्में पहले दिन ट्रेलर की परफॉर्मेंस के बेस पर कमाई करती हैं. जितना धांसू ट्रेलर पहले दिन फिल्म की कमाई भी उतनी ही धांसू होती है. अगर लोगों को फिल्म का ट्रेलर नहीं पसंंद आया, तो लोग थिेटर पर पैसे फुकने क्यों ही जाएंगे.  इसलिए फिल्म की सफलता की जिम्मेदारी सिर्फ डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के हाथ में नहीं है, ये एडिटिंग रूम तक फैल जाती है. ऐसे में जब रणवीर सिंह की फिल्म ‘धुरंधर’ (Dhurandhar) का ट्रेलर रिलीद हुआ, तो कुछ ही घंटों में सभी मीडिया साइट्स की हैडलाइन में छा गया. 4 मिनट से ज्यादा लंबा होने के बावजूद लोगों ने उसे देखा और उस पर लोगों ने प्रतिक्रिया दी. लेकिन आम तौर पर ऐसा नहीं होता है इतने लंबे ट्रेलर लोगों को जल्द ही बोर कर देते हैं, लेकिन फिल्म धुरंधर के साथ ऐसा नहीं हुआ

फिल्म धुरंधर के ट्रेलर में सिर्फ 1 मिनट के लिए दिखे रणवीर सिंह

फिल्म धुरंधर के डायरेक्टर आदित्य धर और उनकी टीम ने ऐसा धांसू ट्रेलर बनाया, जिसने फिल्म की कहानी नहीं बताई, लोगों को सब कुछ समझाने की, उन्होंने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया. ट्रेलर में किरदारों की झलक तो दिखाई, लेकिन उनका आपसी रिश्ता साफ नहीं समझाया, जिसकी वजह से लोगों में फिल्मो को लेकर उत्सुकता बड़ी. फिल्म धुरंधर  (Dhurandhar)  के ट्रैलर में सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी की फिल्म के मैन कैरेक्टर यानी फिल्म के हिरो रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की झलक सिर्फ आखिरी में 1 मिनट की थी, जिसकी वजह से लोग और कंफ्यूज हो गए, क्योंकि आम तौर पर फिल्म के ट्रेलर में हिरो की झलक सबसे पहले दिखाई जाती है  फिल्म धुरंधर के ट्रेलर ने पुराने नियमों को तोड़ा. कहानी का खुलासा नहीं किआ. बस माहौल, किरदार और एक बेचैनी, दिखाई ,जो दर्शक को आखिर तक रोके रखती है.

ट्रेलर में क्या दिखाना है, क्या छुपाना है

ट्रेलर बनाते समय मेकर्स के लिए सबसे बड़ा टास्क यही होता है कि ट्रेलर में फिल्म के बारे में लोगों को कितना बताना है और कितना छुपाना है. राजीव चूड़ासामा का कहना है कि फिल्म का ट्रेलर काटना फिल्म बनाने के सबसे मुश्किल हिस्सों में से एक होता है. इसमें, बहुत सारे लोग शामिल होते हैं, बहुत सारी राय आती हैं. आखिरी में यह फैसला किसी एक की समझ और अनुभव पर टिकता है. राजीव चूड़ासामा के अनुसार ट्रेलर सही संतुलन से बने तो, यह फिल्म की पहली छाप बनता है और दर्शक को थिएटर तक खींच लाता है.

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