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ध्रुव राठी ने फिर बनाया विवादित वीडियो: दीपिका पादुकोण पर लगाया Fake Beauty होने का आरोप, कहा Natural नहीं है उनका स्किन कलर

ध्रुव राठी ने अपने YouTube वीडियो "द फेक ब्यूटी ऑफ़ बॉलीवुड सेलिब्रिटीज" में यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि दीपिका पादुकोण सहित कई अभिनेत्रियों ने नेचुरल बदलाव या क्रीम के बजाय ग्लूटाथियोन इंजेक्शन के ज़रिए अपनी त्वचा को गोरा करवाया है. यह राठी द्वारा दीपिका के पति रणवीर सिंह की फ़िल्म धुरंधर की पिछली आलोचना के बाद हुआ है, जिससे फैंस का गुस्सा और बढ़ गया है.

Written By: Shivangi Shukla
Last Updated: December 27, 2025 13:12:10 IST

ध्रुव राठी ने अपने YouTube वीडियो “द फेक ब्यूटी ऑफ़ बॉलीवुड सेलिब्रिटीज” में यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि दीपिका पादुकोण सहित कई अभिनेत्रियों ने नेचुरल बदलाव या क्रीम के बजाय ग्लूटाथियोन इंजेक्शन के जरिए अपनी त्वचा को गोरा करवाया है. जिसके बाद यह रेडिट पर सामने आया, जहां दीपिका के प्रशंसक उनका बचाव करने के लिए एकजुट हो गए.  यूजर्स ने तुरंत दीपिका का बचाव किया और बदलावों का कारण लाइटिंग, मेकअप, टैनिंग ट्रेंड और स्किनकेयर को बताया, जबकि इन टिप्पणियों को नफरत भरी और पर्सनल बताया. यह राठी द्वारा दीपिका के पति रणवीर सिंह की फ़िल्म धुरंधर की पिछली आलोचना के बाद हुआ है, जिससे फैंस का गुस्सा और बढ़ गया है.

राठी के दावे

राठी ने दीपिका पादुकोण, बिपाशा बसु, शिल्पा शेट्टी, काजोल और प्रियंका चोपड़ा जैसी अभिनेत्रियों पर बात की, और उनके शुरुआती करियर के “सांवले” रंग की तुलना उनके मौजूदा गोरे रंग से की. उन्होंने कम धूप में रहने जैसे बहानों को खारिज कर दिया, और आरोप लगाया कि इसके पीछे की “सच्चाई” ग्लूटाथियोन इंजेक्शन हैं, खासकर इसलिए क्योंकि कुछ ने गोरा करने वाली क्रीम का विज्ञापन किया था. गुरुवार को पोस्ट किए गए इस वीडियो में बॉलीवुड की सुंदरता को “नकली” बताया गया है, जो इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड की व्यापक आलोचना से जुड़ा है.
राठी का कहना है कि बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियां नेचुरल ब्यूटी की बजाय फेक ब्यूटी की मालकिन हैं. अभिनेत्रियां खुद को खूबसूरत दिखने के लिए कई तरह की सर्जरी जैसे नाक की सर्जरी, लिप फिलर आदि करवाती हैं. 

फैंस का बचाव

दीपिका पादुकोण के फैंस ने तर्क दिया कि दीपिका का लुक 2000 के दशक के ब्रॉन्जर/टैनिंग के चलन, मेलानिन में धूप के कारण होने वाले बदलाव, या बेसिक सनस्क्रीन रूटीन के कारण है जो उनकी “असली” त्वचा को दिखाता है. कमेंट्स में उन कैंडिड तस्वीरों पर ज़ोर दिया गया जिनमें वह रणवीर सिंह के सांवले रंग से मिलती-जुलती दिखती हैं, साथ ही उनके करियर के peak पर प्रोफेशनल लाइटिंग और एडिटिंग की जरूरतों का भी ज़िक्र किया गया. कई लोगों ने इसे “नफरत भरा” कहा, एक ने कहा, “एक अच्छी फ़िल्म की आलोचना से लेकर एक अच्छी अभिनेत्री की आलोचना तक. यह कितना नफरत भरा है?”

मुख्य जवाबी Comments

लाइटिंग और टेक्नोलॉजी: बेहतर कैमरे, फाइनल कट एडिटिंग और अच्छी लाइटिंग सेटअप से कोई भी गोरा दिख सकता है; ट्रीटमेंट का कोई सबूत नहीं है.
नेचुरल बदलाव: स्किनकेयर में सुधार, कम टैनिंग, और सन प्रोटेक्शन से बिना इंजेक्शन के रंग अपने आप एक जैसा हो जाता है.
निजी आज़ादी: “यह उसकी ज़िंदगी है, वह जो चाहे कर सकती है”; महिलाओं को निशाना बनाने पर फ़ैंस ने राठी के प्रति सम्मान खो दिया.

राठी ने धुरंधर को “अच्छी तरह से बनाया गया प्रोपेगेंडा” बताया, और इसकी तुलना द ताज स्टोरी जैसी “बकवास” फ़िल्मों से की, जिससे रणवीर के फैंस नाराज हो गए. यह पैटर्न उनके राजनीतिक कमेंट्री स्टाइल के बीच बढ़ते पर्सनल हमलों का संकेत देता है, जो प्राइवेसी को प्राथमिकता देने वाले सेलिब्रिटी के बचाव से टकराता है. यह बहस बॉलीवुड में भारत की रंगभेद की चर्चा को फिर से शुरू करती है, जहाँ बॉडी पॉज़िटिविटी को बढ़ावा देने के बावजूद गोरे रंग के आदर्श बने हुए हैं.

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