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India News(इंडिया न्यूज),Nitin Desai: नितिन देसाई आत्महत्या का मामला इस समय लगातार रुप से बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहा है। देसाई की पत्नी के द्वारा उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर की गई एफआईआर के तहत आरोपी ‘एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज’ के अध्यक्ष राशेष शाह और ‘एडलवाइस एआरसी’ के प्रबंधक निदेशक एवं सीईओ राज कुमार बंसल समेत एडलवाइस अधिकारियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में शुक्रवार को एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि, नितिन देसाई ने 2018 के अंत से अपने लोन की किस्त में देरी करना शुरू कर दिया था।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन राशेष शाह, एडलवाइस एआरसी के एमडी और सीईओ राज कुमार बंसल और कंपनी के दो अन्य अधिकारियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने कहा कि, नितिन देसाई को कुल 181 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था। मुवक्किल का नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई भी आपराधिक इरादा नहीं था। इसके साथ अमित देसाई ने अदालत को बताया कि, 2016 में नितिन देसाई ने सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए एडलवाइस की कंपनी ईसीएलएफ से 150 करोड़ रुपये का लोन लिया था। उन्होंने दावा किया कि 2018 के अंत से, कला निर्देशक ने किस्त में देरी करना शुरू कर दिया था।
बता दें कि, ‘लगान’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी बॉलीवुड फिल्मों के लिए काम कर चुके नितिन देसाई को 2 अगस्त को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के कर्जत में उनके स्टूडियो में लटका हुआ पाया गया था। 4 अगस्त को उनकी पत्नी ने उनकी मौत की एफआईआर दर्ज कराने के लिए खालापुर पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद शाह, बंसल, कोठारी और दो अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। कोठारी और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 34 के तहत भी एफआईआर दर्ज की गई थी।
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