India News (इंडिया न्यूज), Rakesh Pandey: बॉलीवुड, टीवी और भोजपुरी इंडस्ट्री में काम कर चुके एक्टर राकेश पांडे का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। वे 77 साल के थे। 21 मार्च के दिन सुबह के समय 8:50 बजे उन्होंने जुहू के आरोग्य निधि हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांस ली। जानकरी के लिए बता दें कि, वे आईसीयू में एडमिट थे। उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट आने की वजह से हुई थी। उनके घर में पत्नी, बेटी जसमीत और एक पोती हैं। उनका अंतिम संस्कार शास्त्री नगर श्मशान घाट पर परिवार और करीबी परिचितों की मौजूदगी में किया गया।
राकेश पांडे का भारतीय सिनेमा में सफर साल 1969 में बासु चटर्जी की क्लासिक फिल्म ‘सारा आकाश’ से शुरू हुआ था। इस फिल्म के जरिए उन्होंने न सिर्फ खुद को उभरते हुए एक्टर के तौर पर स्थापित किया बल्कि उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला। उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से ट्रेनिंग ली और बाद में भारतेंदु नाट्य अकादमी में शामिल हो गए। फिल्मों में आने से पहले वे थिएटर से काफी जुड़े हुए थे।
Rakesh Pandey
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राकेश पांडे अपने शुरुआती सालों में इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (इप्टा) से भी जुड़े रहे, जिससे उनके अभिनय में स्वाभाविकता और वास्तविकता आई। राकेश पांडे ने मुख्यधारा और क्षेत्रीय सिनेमा दोनों में संतुलित भूमिकाएँ निभाईं। हिंदी फिल्मों में उन्होंने ‘मेरा रक्षक’, ‘ये है ज़िंदगी’, ‘वो मैं नहीं’, ‘दो रहा’ और ‘ईश्वर’ जैसी फिल्मों में काम किया। वहीं, भोजपुरी फिल्मों में उन्होंने ‘बलम परदेसिया’ और ‘भैया दूज’ जैसी फिल्मों में अपने किरदारों को गहराई और प्रामाणिकता दी। बाद के सालों में उन्होंने ‘देवदास’ (2002), ‘दिल चाहता है’ (2001), ‘लक्ष्य’ (2004) जैसी मूवीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
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