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Chaitra Navratri 2022 8th Day Maa Mahagauri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी अवतार की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार मां महागौरी की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। मां गौरी अपने हर भक्त का कल्याण करती हैं और उनको सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाती हैं। इसी दिन कन्या पूजन किया जाता है। वहीं कुछ भक्त 9वें दिन कन्या पूजन करते हैं। इस दिन दुर्गा सप्तशती के मध्यम चरित्र का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। जो लोग 9 दिन का व्रत नहीं रख पाते हैं, वे पहले और आठवें दिन का व्रत कर पूरे 9 दिन का फल प्राप्त करते हैं।
Chaitra Navratri 2022 8th Day Maa Mahagauri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू के अनुसार नवरात्र के 7वें दिन सुबह सूर्य उदय से पहले स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर में मां की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराएं। गणेश जी का वंदन करें और इसके बाद मां महागौरी का ध्यान करें। मां को फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि जब भी आप मां के किसी भी रूप का वंदन करें अपने सिर को ढांक कर रखें। संध्या के समय भी ऐसे ही पूजन करें।
सिद्धियां प्राप्त करने के लिए ऐसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा
Siddhidatri Puja Vidhi
Chaitra Navratri 2022 8th Day Maa Mahagauri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: देवीभागवत पुराण में मां महागौरी के तप का उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार तप के दौरान मां सिर्फ कंदमूल और फलों का ही आहार करती थीं। इसके बाद मां ने वायु पीकर तप किया और इसी कारण मां को महागौरी के नाम से पुकारा जाने लगा। मां की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने मां महागौरी से गंगा में स्नान करने को कहा। जब मां गंगा में स्नान करने गई तो उसी वक्त मां का श्याम वर्ण प्रकट हुआ। इसे मां कौशिकी कहा जाता है। इसके बाद मां का एक उज्ज्वल स्वरूप प्रकट हुआ। इसे महागौरी रूप कहा गया।
सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते।।
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बराधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
या देवी सर्वभू?तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।।
चंद्रकली और ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे।।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।।
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