Ranjana Prakash Desai leads 8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. यह वही कदम है जिसका इंतज़ार पिछले कई महीनों से देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को था. आयोग की घोषणा करीब 10 महीने पहले की गई थी, लेकिन अब जाकर इसे आधिकारिक स्वीकृति मिली है.
क्या है आठवां वेतन आयोग और इसका उद्देश्य?
भारत सरकार हर 10 साल में एक वेतन आयोग का गठन करती है ताकि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों की समीक्षा की जा सके. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महंगाई और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के अनुरूप कर्मचारियों की आय में समुचित सुधार हो. अब आठवां वेतन आयोग इसी दिशा में कार्य करेगा और अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा, जिनके आधार पर वेतन और पेंशन में संशोधन किया जाएगा.
कब से लागू होंगे बदलाव?
सरकार ने आयोग को अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 18 महीने का समय दिया है. इसका मतलब है कि आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन और पेंशन में संभावित बढ़ोतरी साल 2027 से लागू हो सकती है। हालांकि, आयोग को 1 जनवरी 2026 से प्रभावी माना जाएगा यानी वेतन में बदलाव का प्रभाव इसी तारीख से जोड़ा जाएगा.
कौन हैं आयोग की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई?
आठवें वेतन आयोग की कमान सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को सौंपी गई है. उनका जन्म 30 अक्टूबर 1949 को हुआ था. उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज से 1970 में स्नातक और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से 1973 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की. वे अपने कड़े और निष्पक्ष निर्णयों के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने पहले परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) की अध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं दी हैं. इसके अलावा, उन्हें समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के मसौदे पर बनी समिति की प्रमुख भी बनाया गया था. जस्टिस देसाई ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्ति ली थी और तब से कई संवैधानिक व प्रशासनिक भूमिकाओं में योगदान दे रही हैं.
आयोग में और कौन-कौन हैं सदस्य?
आठवें वेतन आयोग में देश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.
- प्रोफेसर पुलक घोष, आईआईएम बेंगलुरु से, एक सदस्य के रूप में जोड़े गए हैं.
- पंकज जैन, जो वर्तमान में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव हैं, उन्हें सदस्य-सचिव नियुक्त किया गया है.
इन विशेषज्ञों की मौजूदगी से उम्मीद की जा रही है कि आयोग एक व्यावहारिक और संतुलित रिपोर्ट तैयार करेगा, जो न केवल कर्मचारियों के हित में होगी, बल्कि राजकोष पर बोझ भी नहीं बढ़ाएगी.
कर्मचारियों के लिए इसका क्या मतलब है?
देशभर में लगभग एक करोड़ से अधिक केंद्रीय वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनधारक इस फैसले से सीधे प्रभावित होंगे. 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी की उम्मीद है, DA (महंगाई भत्ता) और HRA (हाउस रेंट अलाउंस) में भी संशोधन होगा. रिटायरमेंट के बाद पेंशन में सुधार की भी संभावना है.