मोरबी:– मोरबी में हुए दर्दनाक घटना को कोई भूल नहीं सकता, इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई, जिसमे बूढ़े बच्चे जवान महिलाएं सभी शामिल थे. किसी का बच्चा नहीं रहा, किसी की बहन चली गई तो किसी का पूरा परिवार ही खत्म हो गया. अब इस मामले में हाई कोर्ट ने मोरबी नगर पालिका को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा फटकारते हुए कहा कि नोटिस के बावजूद वे अदालत में नहीं आए हैं, ऐसा लगता है कि “वे ज्यादा होशियार बनने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि उन्हें सवालों के जवाब देने चाहिए.”
कोर्ट ने राज्य सरकार को भी इस मामले में फटकार लगाई है और अपने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि इस संबंध में कोई टेंडर जारी किए बिना राज्य की उदारता दी गई थी.मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मुख्य सचिव से पूछा कि यह एक सार्वजानिक पुल है तो एक सार्वजनिक पुल के मरम्मत कार्य के लिए टेंडर क्यों नहीं जारी किए गए? और बोलियां क्यों नहीं आमंत्रित की गईं?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये बात अदालत की तरफ से कही गई कि “इतने महत्वपूर्ण काम के लिए सिर्फ डेढ़ पेज में एग्रीमेंट कैसे पूरा किया गया? क्या बिना किसी टेंडर के अजंता कंपनी को राज्य की उदारता थमा दी गई?” मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री मामले की सुनवाई कर रहे हैं.
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