India News (इंडिया न्यूज), Gurnam Singh Chadhuni : किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि जब तक देश का किसान इकट्ठा नहीं होगा तब तक सरकार कोई बात नहीं मानेगी। उन्होंने कहा कि 2020-21 में देश का किसान इकट्ठा हुआ था, तीन काले कानून रद्द करवाए गए थे।
वह बात अलग है कि दोबारा से उन्हें लागू किया जा रहा है। यमुनानगर में मीडिया से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर देश का किसान इकट्ठा हो जाए तो दुनिया की कोई ताकत उन्हें रोक नहीं सकती, लेकिन यहां बात अलग है। यहां किसान दो फाड़ हो जाते हैं, जिससे नुकसान होता है। Gurnam Singh Chadhuni
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गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार बाहर से फसल आयात करने पर कर हटा रही है, जिस देश का किसान बर्बादी की कगार पर चला जाएगा, खेती तबाह हो जाएगी। यह किसान के हित में नहीं है।
गुरनाम सिंह चढूनी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में ही नहीं देश में भी चुनाव जात-पात धर्म राजनीति के नाम पर होते हैं, कभी भी चुनाव विकास के नाम पर नहीं हुआ। किसान राजनीति में आगे नहीं आता इसलिए किसानों को नुकसान होता है। गुरनाम सिंह चढूनी ने यह भी कहा कि वह पूरे प्रदेश में संगठन का विस्तार कर रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में दौरे किए जा रहे हैं कल रेवाड़ी में दौरा किया जाएगा। Gurnam Singh Chadhuni
वहीं, किसानों के बढ़ते धडे भी कही न कही चिंतित करते हैं, क्योंकि किसान के हक एक है व इन्हें एकजुट होकर ही अधिकारों के लिए लड़ना है इसलिए सभी को एकजुट होना चाहिए। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक और अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने की बात कहती है, वहीं सामान्य आदमी की प्लेट में पहुंचने वाले अनाज पर महंगाई की नजर है। कहीं न कहीं अमीर और अमीर व गरीब और गरीब होता जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार को चाहिए जनता को न सिर्फ महंगाई से राहत दे बल्कि किसानों के हक को सुरक्षित करने के लिए भी कदम उठाए। Gurnam Singh Chadhuni
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