Hindi News / Haryana News / In This Village Of Faridabad Not White Potatoes But Potatoes Of This Color Are Being Cultivated Cost Is Less Benefits Are More

फरीदाबाद के इस गांव में सफेद आलू नहीं, बल्कि इस रंग के आलू की खेती की जा रही…, लागत कम-फायदा ज्यादा

India News (इंडिया न्यूज), Neelkanth Potato : फरीदाबाद के गांव डीग के किसान अब पारंपरिक सफेद आलू की बजाय नीलकंठ (नीला) आलू की खेती कर रहे हैं, जोकि सेहत के लिए काफी फायदेमंद है और बाजार में भी ज्यादा कीमत पर बिकता है। यह आलू न केवल शुगर फ्री है, बल्कि इसका स्वाद भी बेहतरीन […]

BY: Amit Soodh • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज), Neelkanth Potato : फरीदाबाद के गांव डीग के किसान अब पारंपरिक सफेद आलू की बजाय नीलकंठ (नीला) आलू की खेती कर रहे हैं, जोकि सेहत के लिए काफी फायदेमंद है और बाजार में भी ज्यादा कीमत पर बिकता है। यह आलू न केवल शुगर फ्री है, बल्कि इसका स्वाद भी बेहतरीन होता है।

हरियाणा में आज छिड़ेगा संग्राम, सरकार के किस फैसले पर भड़क उठे किसान? सुरक्षा बलों ने भी कसली है कमर

दोस्त के घर पर नाबालिग लड़की के साथ हुआ घिनौना काम, फिर जान से मारने की दी धमकी, पीड़िता ने बताई आपबीती

Neelkanth Potato

Neelkanth Potato : जानिए इतने एकड़ में हो रही है खेती

गांव की किसान सुनीता ने बताया कि उन्होंने 10 एकड़ जमीन पर नीलकंठ आलू की खेती शुरू की। इस फसल का बीज करनाल से लाए थे और पिछले तीन साल से वे इसे ही उगा रही हैं। खेती की प्रक्रिया सामान्य आलू जैसी ही होती है, लेकिन बीज थोड़ा सा अलग तरह का होता है। 1 किले (5 बीघा) में खेती की लागत लगभग 80,000 रुपए आती है। प्रति किले 30 कट्टे बीज की जरूरत होती है। बाजार भाव के अनुसार 30,000 से 50,000 रुपये प्रति किले का मुनाफा हो जाता है।

सफेद आलू से महंगा बिकता है नीलकंठ आलू

आपको एक बार फिर से जानकारी दे दें कि सामान्य सफेद आलू 500 रुपये प्रति कट्टा में बिकता है, जबकि यह नीलकंठ आलू 650 रुपये प्रति कट्टा तक बिकता है। यदि इसकी कीमत 800 रुपये प्रति कट्टा तक पहुंच जाए तो किसानों को और अधिक लाभ होगा।

Haryana Weather News Today: इंद्रदेव होंगे मेहरबान, तपती गर्मी से हरियानवालों को मिलेगी राहत, जानिए आज कैसा रहेगा मौसम

किसानों के लिए नई संभावनाएं

सुनीता और उनके परिवार का मानना है कि वे फरीदाबाद में नीलकंठ आलू उगाने वाले पहले किसान हैं। यह फसल अब अन्य किसानों को भी आकर्षित कर रही है, क्योंकि यह सेहत के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ बेहतर कीमत पर भी बिक रही है। यह पहल किसानों के लिए एक नए अवसर का संकेत है और आने वाले समय में नीलकंठ आलू की मांग और भी बढ़ सकती है।

अंबाला के साथ लगते शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से लगातार हटाई जा रही बैरिकेडिंग, रास्ता आज खुलेगा या कल, संशय बरकरार

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue