Hindi News / Haryana News / Martyr Memorial Ambala Pm Narendra Modi Will Inaugurate The Martyr Memorial Of The First War Of Independence

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाया जाएगा 'आजादी की पहली लड़ाई के शहीद स्मारक' का उद्घाटन, जानें स्मारक कब तक हो जाएगा पूरा तैयार

India News (इंडिया न्यूज), Martyr Memorial Ambala : हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि अंबाला छावनी में आजादी की पहली लड़ाई के शहीद स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाया जाएगा। 10 मई 1857 को यह क्रांति आरंभ हुई थी इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि 10 […]

BY: Anurekha Lambra • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Martyr Memorial Ambala : हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि अंबाला छावनी में आजादी की पहली लड़ाई के शहीद स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाया जाएगा। 10 मई 1857 को यह क्रांति आरंभ हुई थी इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि 10 मई तक इस शहीद स्मारक का काम दिन-रात लगाकर पूरा कर लिया जाए।

विज आज शाम अंबाला छावनी में आजादी की पहली लड़ाई को समर्पित शहीद स्मारक के निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों के अलावा भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। Martyr Memorial Ambala

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  • जहां-जहां पर सन् 1857 में संघर्ष हुआ वहां के सीन क्रिएट कर स्मारक में प्रदर्शित किए जाएंगे
  • शहीद स्मारक के परिसर के ओपन एयर थियेटर में दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ वाटर बॉडी बनाई गई
  • अनिल विज ने आज शाम अंबाला छावनी में आजादी की पहली लड़ाई को समर्पित शहीद स्मारक का किया निरीक्षण
  • अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

Martyr Memorial Ambala : जहां-जहां पर 1857 का यह संघर्ष हुआ था, इस म्यूजियम में सारे सीन क्रिएट किए

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि जहां-जहां पर 1857 का यह संघर्ष हुआ था, उस सबके इस म्यूजियम में हमने सारे सीन क्रिएट किए हैं। इसमें हम अंबाला का दिखा रहे हैं, मेरठ का दिखा रहे हैं, दिल्ली के कश्मीरी गेट का दिखा रहे हैं, झांसी की रानी का दिखा रहे हैं, तात्या टोपे का दिखा रहे हैं, गुजरात का दिखा रहे हैं और हैदराबाद का भी सीन क्रिएट करके दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे इतिहासकारों ने खोज खोज कर यह निकाला है कि 1857 की क्रांति कहां-कहां पर हुई थी। Martyr Memorial Ambala

जब आगंतुक म्यूजियम के अंदर प्रवेश करेगा, तो वह 1857 के समयकाल में चला जाएगा

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बताया कि इस म्यूजियम में कई गैलरिया बनाई गई है जिसमें उस समय के सीन क्रिएट किया जा रहे हैं ताकि जब आगंतुक इस म्यूजियम के अंदर प्रवेश करें तो वह 1857 के समयकाल में चला जाए।

उन्होंने बताया कि उस समय की सामाजिक आर्थिक स्थिति क्या थी और क्या-क्या यह कारण थे जिसके कारण यह क्रांति हुई, को दिखया जा रहा है। इस म्यूजियम में उस समय के अंग्रेज अफसर की कोठियां को भी दिखाया जा रहा है क्योंकि क्रांतिकारियों ने 1857 में मार्च के महीने में ही अंग्रेज अफसर की कोठियां में आग लगाना आरंभ कर दिया था जबकि क्रांति मेयर महीने में हुई थी। Martyr Memorial Ambala

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Martyr Memorial Ambala : चर्बी वाले कारतूस के डिपो भी बनाएं जा रहे

विज ने बताया कि इसके अलावा, हम कारतूस का वह डिपो भी दिखा रहे हैं जहां पर चर्बी वाला कारतूस मिला करता था जोकि उस लड़ाई का बहुत बड़ा कारण भी बना। उस समय चर्बी वाले कारतूस हिंदुस्तान में तीन जगह पर बनते थे जिनमें एक दमदम में था, एक सियालकोट में था और तीसरा अंबाला छावनी में था। इसलिए उस समय आसपास की छावनियों के लोग भी यहीं पर कारतूस लेने आते थे और यहीं पर उनकी बातचीत हुआ करती थी।

कमल का फूल और रोटी का संदेश के रूप में होता था इस्तेमाल

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बताया बताया इस शहीद स्मारक पर हमने 63 मीटर ऊंचा कमल का फूल भी बनाया है जिसमें लिफ्ट भी लगाई है और लोगों को ऊपर आकर सारे शहर का नजारा भी दिखाई देगा। उन्होंने बताया कि 1857 की क्रांति में कमल के फूल और रोटी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उ

स समय एक यूनिट दूसरी यूनिट को कमल का फूल और रोटी भेजा करते थे इसलिए हमने यहां पर कमल का फूल और रोटी को बनाया है। यह शहीद स्मारक के परिसर में 2000 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ एक ओपन एयर थिएटर भी बनाया गया है और यहां पर एक वाटर बॉडी भी बनाई गई है जहां पर लोग शाम को नोकाबिहार कर सकेंगे। Martyr Memorial Ambala

Martyr Memorial Ambala : रोजाना आयोजित होगा लाइट, साउंड और लेजर का शो

श्री विज बताया कि रोजाना यहां पर लाइट, साउंड और लेजर का शो भी आयोजित किया जाएगा और रोजाना यहां शो दिखाने के लिए हमने मुंबई के बहुत बड़े डायरेक्टर को कार्य सौंपा है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि हम 10 मई को इसका उद्घाटन करवा दें और हमारी कोशिश रहेगी कि हम इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाएं, इसलिए हम इसकी पूरी तैयारी कर रहे हैं और पूरे स्टाफ को लगा दिया गया है। Martyr Memorial Ambala

Martyr Memorial Ambala : स्मारक में बनाया जा रहा है श्रद्धांजलि पॉइंट

मंत्री अनिल विज ने बताया कि उस समय की लड़ाई के हाथी, घोड़े, सिपाही, अंग्रेज अफसर, बैरक सभी चीजों को यहां बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लोगों को दिखाने के लिए यहां पर हम एक श्रद्धांजलि पॉइंट भी बनाने जा रहे हैं ताकि जो लोगों से भूल हुई है और जिन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी गई ताकि उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सके।

जब इस पॉइंट पर लोग श्रद्धांजलि देंगे तो एक नीचे से लाइट जाएगी और पूरा पेड़ जगमग हो जाएगा। हालांकि यह सांकेतिक है लेकिन श्रद्धांजलि भी देना भावनाओं को व्यक्त करना ही होता है। इसलिए इस पॉइंट पर 40 मॉनिटर लगाए जाएंगे जिस पर लोग आएंगे और अपनी श्रद्धांजलि देकर जाएंगे।

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Martyr Memorial Ambala : 700 लोगों के नाम गोल्डन अक्षरों में लिखे जाएंगे

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि हमने इस शहीद स्मारक में वह पेड़ भी बनाए है जिन पर भारतीय सैनिकों को टांग कर गोलियां मारी गई थी। हालांकि यह बहुत कठिन कार्य था क्योंकि अंग्रेजों ने जिन सैनिकों को गोलियां मारी, उनका कोई रिकॉर्ड नहीं था फिर भी हमने इस रिकार्ड को ढूंढा है।

उन्होंने बताया कि यह शहीद स्मारक को तैयार करने के लिए हमने देश के सर्वोत्तम इतिहासकारों की कमेटी भी बनाई हुई है और अनुसंधान उपरांत अभी तक हम 700 नाम ढूंढ पाए हैं और इन 700 लोगों के नाम हम गोल्डन अक्षरों में इस शहीद स्मारक के अंदर लिखेंगे जिन्होंने इस देश में सबसे पहले आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी। उन्होंने बताया कि यदि ऐसे और भी नाम आएंगे और वह प्रमाणिक होंगे तो उन्हें भी यहां पर लगाया जाएगा।

स्मारक में सेल्फी प्वाइंट होगें आकर्षण का केंद्र

मंत्री अनिल विज ने कहा कि शहीद स्मारक में अलग-अलग स्थानों पर कुल 14 सेल्फी प्वाइंट बनाए जा रहे हैं जोकि आकर्षण का केंद्र होंगे। उन्होंने बताया कि इन प्वाइंट पर यहां आने वाले लोग अपनी सेल्फी ले सकेंगे। यह सेल्फी प्वाइंट स्मारक के अलग-अलग कोनों पर ऊंचाइयों पर बनाए गए हैं। Martyr Memorial Ambala

आजादी की पहली लड़ाई 1857 में लड़ी गई और यह लड़ाई कांग्रेस के जन्म से 28 साल पहले लड़ी गई

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई 1857 में लड़ी गई और यह लड़ाई कांग्रेस के जन्म से 28 साल पहले लड़ी गई।उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सशस्त्र रूप से लड़ी गई और उसे हुकूमत के खिलाफ यह लड़ाई लड़ी गई जिसका कभी सूरज नहीं डूबता था और जिनका सारे संसार में लगभग सभी स्थानों पर शासन था। उन्होंने बताया कि लेकिन उन वीरों को कभी याद नहीं किया गया, कभी उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी गई इसलिए हम उनकी याद में और श्रद्धांजलि देने के लिए एशिया का सबसे बड़ा म्यूजियम बना रहे हैं।

निरीक्षण के दौरान मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए

  • स्मारक में एंट्री प्वाइंट व अन्य खाली दीवारों पर 1857 क्रांति से संबंधित पेंटिंग बनाई जाए।
  • स्मारक में सभी टूटियां सेंसर वाली लगाने के निर्देश दिए।
  • स्मारक में लगाए गए गमलों को सुंदर ब्रांस या अन्य कवर पॉट में रखने को कहा।
    स्मारक में विभिन्न स्थानों पर लैंड स्केपिंग करने।
  • ओपन कोर्ट यार्ड में फव्वारे, लाइटिनिंग करने को कहा।
  • स्मारक में छोटे पौधे लगाने के बजाए बड़े पौधे लगाने के निर्देश दिए।
  • अम्बाला छावनी में प्रारंभ हुई क्रांति का पूरा चित्रण किया जाए।
  • स्मारक में स्वास्थ्य विभाग की एक डिस्पेंसरी खोलने के निर्देश दिए।
  • मेमोरियल टॉवर बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर अम्बाला का नजारा देखने के लिए दूरबीन लगाने के निर्देश दिए तथा टॉप फ्लोर पर कैफे खोलने का सुझाव दिया।
  • स्मारक में फूड काउंटरों को अलॉट करने के लिए टेंडर देने के निर्देश दिए।

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