Hindi News / Haryana News / Panipat Swayambhu Hanuman Mandir On Hanuman Jayanti The King Of Panipat Will Be Taken Out As Dharam Kumbh

हनुमान जन्मोत्सव पर 'धर्म कुंभ' के रूप में निकाली जाएगी पानीपत के 'राजा' की सवारी, जानें प्रदेश के पहले स्वयंभू हनुमान मंदिर का इतिहास 

India News(इंडिया न्यूज़), Panipat Swayambhu Hanuman Mandir : एशिया की सबसे बड़ी टैक्सटाइल नगरी माने जाने वाली पानीपत के ऐतिहासिक शहर में आज एक नया इतिहास रचा जाएगा। इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर पानीपत के राजा की सवारी धर्म कुंभ के रूप में निकाली जाएगी। यह घोषणा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने की। पानीपत के […]

BY: Anurekha Lambra • UPDATED :
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India News(इंडिया न्यूज़), Panipat Swayambhu Hanuman Mandir : एशिया की सबसे बड़ी टैक्सटाइल नगरी माने जाने वाली पानीपत के ऐतिहासिक शहर में आज एक नया इतिहास रचा जाएगा। इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर पानीपत के राजा की सवारी धर्म कुंभ के रूप में निकाली जाएगी। यह घोषणा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने की।

पानीपत के धर्म को हनुमान जन्मोत्सव 2025 की घोषणा गीता ज्ञान स्थली कुरुक्षेत्र की धरती से की गई। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा की कुरुक्षेत्र की धरती पर हनुमान जी के ध्वज ने अर्जुन के रथ के माध्यम से सतयुग में द्वापर युग में सामंजस्य स्थापित किया था, इसलिए हनुमान जी की प्रिया कृपा स्थल पानीपत के हनुमान जन्मोत्सव की उद्घोषणा कुरुक्षेत्र की धरती से की गई।

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Panipat Swayambhu Hanuman Mandir

Panipat Swayambhu Hanuman Mandir : मिलजुलकर कर रहे हैं एक धर्म कुंभ का आयोजन

हनुमान जन्मोत्सव इस वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा दिवस 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान जी की सवारी पानीपत नगर भ्रमण यात्रा पर आशीर्वाद देने के लिए निकलेगी। इस वर्ष शोभा यात्रा शिव मंदिर साईं बाबा चौक से निकालकर, भीमगोडा मंदिर, सेठी चौक, अमर भवन चौक के रास्ते पूर्वयान घाटी प्रकटेश्वर स्वयंभू हनुमान मंदिर पर पहुंचेगी, जहां पानीपत की सभी धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाएं मिलजुलकर एक धर्म कुंभ का आयोजन कर रहे हैं। Panipat Swayambhu Hanuman Mandir

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यह आयोजन समस्त धार्मिक संस्थाओं का सांझा

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि यह आयोजन किसी एक संस्था का न होकर पानीपत की समस्त धार्मिक संस्थाओं का सांझा कार्यक्रम हैं। इस कार्यक्रम में पानीपत के आसपास के एवं पानीपत से जुड़े सभी संत समाज के प्रमुख संत आशीर्वाद देने के लिए मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर रमेश माट, सतबीर  गोयल, सूरज दूरेजा, कृष्णा रेवड़ी, विकास गोयल, प्रीतम गुर्जर, पं निरंजन पाराशर, संजय बंसल आदि मौजूद थे।

कार्यक्रम के आकर्षण निम्न प्रकार होंगे

  • पानीपत के हनुमान स्वरूप पूरे विश्व भर में एक अनूठी पहचान रखते हैं एक साथ हजारों हनुमान स्वरूप हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी का जन्मदिन नाच कूद कर  भक्ति भाव से मनाएंगे।
  • पानीपत की सभी 36 बिरादरियां एक साथ एक थाली में भोजन करेंगे।
  • पानीपत में रह रहे विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न संस्कृतियों के विभिन्न कलाओं के विभिन्न विधाओं के नागरिक अपनी-अपनी स्थानीय परंपरा के अनुसार हनुमान जी का स्वागत करेंगे।
  • लगभग 100000 लोगों के इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
  • 12 अप्रैल को रात्रि 8:00 बजे पूरा पानीपत एक साथ सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ करेगा, जिसमें लाखों लोग पानीपत में घर बैठे भी हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
  • हनुमान जन्मोत्सव समिति ने लक्ष्य लिया है कि 101 सवा मनी का भोग हनुमान जी को लगाया जाए एक सवामणि में  सवl मन  खाद्य पदार्थ होता है।

Panipat Swayambhu Hanuman Mandir  : प्रदेश का पहला स्वयंभू मंदिर

बुजुर्गों का दावा है यह प्रदेश का पहला स्वयंभू मंदिर है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता शायद कम ही लोग जानते हैं यहां पर आने वाले भक्तों को हर शनिवार मीठा पान प्रसाद के रूप में दिया जाता है जो पान भक्तों को प्रसाद स्वरूप में दिए जाते हैं उन्हें यहां आने वाले भक्ति अपहृत करके मन्नत मांगते हैं। यह सिलसिला कई वर्षों से जारी है। पुजारी बताते हैं कि यहां पर हनुमान जी स्वयं प्रकट हैं और मंदिर जिस मोहल्ले में स्थित है उसे पूर्बीयन घाटी नाम से जाना जाता है।

Panipat Swayambhu Hanuman Mandir

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सेना युद्ध पर जाने से पहले हनुमान जी को सैल्यूट करते थे

पूर्बीयन इसलिए पड़ा था, क्योंकि पुराने जमाने में टीले के ऐसे मुहाने पर थी, जिससे सूर्य में की पहली किरण यहीं पर पड़ती थी। कहते हैं मराठाओं की सेना युद्ध पर जाने से पहले इस मंदिर के सामने खड़े होकर हनुमान जी को सैल्यूट करते थे, इसी प्राचीन मंदिर के स्वरूप को रथ पर विराजमान करके पानीपत के विभिन्न बाजारों का नगर भ्रमण कराया जाएगा। Panipat Swayambhu Hanuman Mandir

हनुमान जयंती पर हर वर्ष करते हैं कुछ नया

करीब 10 वर्ष पहले पानीपत में हनुमान जन्मोत्सव मनाने की शुरुआत सबको रोशनी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने की थी। इसमें कृष्ण रेवड़ी, रमेश माटा, संजय बंसल, सूरज पहलवान, सूरज दुरेजा, सुरेंद्र, अनिल गुप्ता, दीनानाथ, जनरल सिंह, बिल्लु भक्त आदि साथियों ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाया था। गत वर्ष हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ का आयोजन किया गया था। इसमें जेल में कैदियों के साथ-साथ स्कूली छात्र, ऑटो यूनियन, महिलाएं, एडवोकेट, याेग क्लास, किन्नर समाज सहित हर वर्ग ने एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया था।

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हर वर्ग के लोग एक साथ खींचते हैं भगवान का रथ : Panipat Swayambhu Hanuman Mandir

इसके बाद कभी देवी मंदिर में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था ताे कभी बच्चाें काे कंठस्थ हनुमान चालीसा याद कराई गई। हर साल कार्यक्रम का स्वरूप बड़ा होता गया। साल 2019 में सभी संस्थाओं के साथ मिलकर पहली बार रथयात्रा निकाली। यात्रा में कोई ऊंच-नीच, जाति, समुदाय, धर्म नहीं देखा जाता। हर वर्ग के लोग एक साथ भगवान का रथ खींचते हैं।

पानीपत के इष्ट देवता हैं भगवान हनुमान

सबको रोशनी फाउंडेशन के सदस्य विकास गोयल, कृष्ण रेवड़ी, रमेश माटा ने बताया कि जिस तरह मुंबई का राजा भगवान गणेश जी को माना जाता है, उसी प्रकार पानीपत का राजा हनुमान जी को माना जाता है। भगवान हनुमान पानीपत के इष्ट देवता हैं। मान्यता है कि साल में जब हनुमान जन्मोत्सव पर रथयात्रा पर सवार होकर भगवान हनुमान नगर भ्रमण के लिए निकलते है और लाेगाें पर अपनी कृपा बरसाते हैं। काेराेना से एक साल पहले 2019 में पहली रथ यात्रा निकाली गई। Panipat Swayambhu Hanuman Mandir

पानीपत के हनुमान स्वरूप पूरे विश्व में प्रसिद्ध

भगवान का रथ खींचने के लिए लाेगाें में बहुत उत्साह दिखा। इसके बाद 2020 और 2021 में काेराेना महामारी होने के कारण इसे छोटा रूप दिया गया है, लेकिन परंपरा के मुताबिक यात्रा निकाली गई। फिर 2022 और 2023-24  में रथ यात्रा विशाल रूप से निकाली गई थी। उन्होंने बताया कि पानीपत भगवान हनुमान की धरती है। पानीपत के हनुमान स्वरूप पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। यहां का हर बच्चा हनुमान स्वरूप धारण करना चाहता है। Panipat Swayambhu Hanuman Mandir

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