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इंडिया न्यूज़, Om Prakas Chautala : हरियाणा के पांच बार सीएम रह चुके ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 4 साल की सजा सुनाई है। 5 बार सीएम रहने के अलावा ओपी चौटाला 7 बार विधायक भी चुने गए हैं। ओमप्रकाश चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे हैं। 2012 में कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला को जेबीटी भर्ती घोटाले में दोषी करार दिया था। जिसके बाद ओपी चौटाला को 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी।
ओपी चौटाला ने तिहाड़ जेल में 10 साल की सजा काटी थी। जेल में रहते हुए चौटाला ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। पिछले दिनों उन्हें 10वीं व 12वीं की मार्कशीट भी मिली थी। विवादों से चौटाला का पुराना नाता रहा है। सत्ता में रहते हुए और सत्ता से बाहर भी उन पर कई आरोप लगते रहे। वो 5 बार प्रदेश के सीएम रहे, लेकिन एक बार ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके।
ओमप्रकाश चौटाला का जन्म 1935 में सिरसा के चौटाला गांव में हुआ था। चौटाला परिवार राजनीति में शुरू से ही सक्रिय रहा। पिता देवीलाल की ही तरह ओपी चौटाला ने भी राजनीति में खूब नाम कमाया। ओम प्रकाश चौटाला 5 बार हरियाणा के सीएम बने हैं। सबसे पहले 2 दिसंबर 1989 को ओपी चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। वह 22 मई 1990 तक सीएम पद पर बने रहे। समर्थन जुटा कर 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी। उस समय के मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता मात्र 2 महीने ही सीएम पद पर रहे थे। जिन्हें ओपी चौटाला ने रिप्लेस किया। सीएम बनने के मात्र 5 दिन बाद ही ओपी चौटाला को त्यागपत्र देना पड़ा।
यह ड्रामा यहां नहीं रूका। 22 अप्रैल 1991 को चौटाला ने तीसरी बार सीएम पद संभाला। उसके दो सप्ताह बाद ही प्रदेश में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया। ऐसे उतार-चढ़ाव चौटाला की जिंदगी में कई आए। 1993 में वह नरवाना उपचुनाव जीते। 1996 में लोकसभा चुनाव के दौरान नई पार्टी (हरियाणा लोक दल) बनाई। 1998 के लोस चुनाव में बसपा के साथ मिलकर 5 लोकसभा सीटें जीती। जिसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। दल को मान्यता मिलने के बाद चौटाला ने पार्टी का नाम बदल कर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया।
सीएम पद के लिए चौथी बार 24 जुलाई 1999 को चौटाला ने शपथ ली। दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी। जिसके बाद दोबारा विधानसभा चुनाव हुए। 2 मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। जिसके बाद 5 साल तक वो सीएम बने रहे।
चौटाला परिवार राजनीति में काफी समय से सक्रिय है। ओपी चौटाला के पिता देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्र रहे हैं। ओमप्रकाश चौटाला का विवाह स्नेहलता से हुआ था। जिनका अगस्त 2019 में निधन हो गया था। उनके दोनों बेटे अजय और अभय चौटाला राजनीति में सक्रिय हैं। उनके छोटे बेटे का नाम अभय चौटाला और उनकी पत्नी का नाम नैना चौटाला है। अजय चौटाला की पत्नी का नाम कांता चौटाला है। चौटाला की तीन बेटियां भी हैं जिनका नाम सुचित्रा, सुनीता और अंजलि है। वहीं उनके तीन भाई रणजीत सिंह चौटाला, जगदीश कुमार चौटाला और प्रताप सिंह चौटाला हैं।
ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटै अजय सिंह चौटाला 2009 में डबवाली से विधायक चुने गए थे। 2012 में जेबीटी घोटाले के आरोप में अजय चौटाला ने अपने पिता के साथ सजा काटी। वहीं उनके छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला ऐलनाबाद से विधायक है जो अक्तूबर 2014-मार्च 2019 तक हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला इस समय प्रदेश के उप मुख्यमंत्री है।
2018 में पारिवारिक विवाद के चलते दुष्यंत चौटाला को इनेलो से निष्कासित कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी बनाई। जिसने 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन देकर सरकार बनवाई। वहीं ओपी चौटाला के भाई रणजीत सिंह चौटाला जजपा में है और प्रदेश के बिजली मंत्री हैं।
ओपी चौटाला के पास 10 हजार करोड़ की संपत्ति होने का दावा किया जाता रहा है। सीबीआई ने चौटाला परिवार के विरुद्ध 1467 करोड़ संपत्ति मामले में चार्जशीट दायर की थी। इस केस में ओपी चौटाला को 4 साल की सजा हुई है। इससे पहले ओपी चौटाला जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काटकर आए हैं।
हरियाणा के आईएएस अधिकारी ने हरियाणा में 3,206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की शिकायत करते हुए सुप्रीम कोर्ट में शिकायत सौंपी थी। जिसके बाद ओपी चौटाला पर हर शिक्षक से 3-4 लाख रुपए लेने का आरोप लगा था। जिसके बाद चौटाला ने 9 से ज्यादा साल जेल में काटा। चौटाला को 2 जुलाई 2021 को रिहा किया गया था।
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