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हितेश चतुर्वेदी, सिरसा:
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की जरनैल सिंह भिंडरावाले के साथ व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो वायरल करने के मामले में न्यायालय ने पंजाब की रामा मंडी निवासी हरप्रीत व हरमनदीप सिंह को बरी कर दिया। आरोपियों के खिलाफ डबवाली पुलिस ने मंडी डबवाली निवासी डेरा अनुयायी नवीन कुमार की शिकायत पर मई 2016 को धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपियों ने जो फोटो व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल की है उसमें संत गुरमीत राम रहीम को भिंडरावाले की टांगों में विराजमान दिखाकर उसका शिष्य दिखाया गया है।
न्यायालय ने फैसले में कहा है कि “व्हाट्सएप ग्रुप में तस्वीर का कोई विवरण नहीं था। यहां तक की गुरमीत राम रहीम और भिंडरावाले का जिक्र तक नहीं। अत: इस स्थिति में यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि तस्वीरों को जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रसारित किया गया था। आरोपियों को अधिकतम एक लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना आचरण के रूप में वर्णित किया जा सकता है, लेकिन जानबूझकर नहीं माना जा सकता कि आरोपियों ने जानबूझकर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों की भावनाओं का अपमान किया।”
न्यायालय ने फैसले में कहा कि “भले ही अभियोजन ने अपने पूरे बयान में यह साबित किया हो, लेकिन फिर भी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावना को आहत करने के तहत अपराध साबित नहीं होता।”
न्यायालय ने कहा कि “इस मामले में कई खामियां हैं,इसका उल्लेख करना भी जरूरी है। डबवाली लैब एसोसिएशन के इस व्हाट्स एप ग्रुप की जांच तक नहीं की गई। गवाहों ने स्वीकार किया कि वे इस ग्रुप का हिस्सा नहीं थे, जिसमें कथित आपत्तिजनक फोटो शेयर की गई थी। इसके अलावा नवीन कुमार के अलावा कोई अन्य व्यक्ति नहीं जिसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो।”
आपत्तिजनक तस्वीरों का प्रचलन एक साधारण घटना है। इसे भेजने वाले को ब्लॉक करके घटना को रोका जा सकता था। दोनों तस्वीरों से यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि तस्वीर स्पष्ट रूप से अपमानजनक है, चाहे तस्वीरों को मॉफ्ड किया गया हो या ओरिजिनल। मामला दर्ज करने से पहले कम से कम इसकी मौलिकता का परीक्षण किया जाना चाहिए था, फिर भी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले यह साधारण सी कवायद नहीं की गई।
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