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डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ :
Govt Announces New Social Media Rules : आज के दौर में सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी कुछ ही पल में उपलब्ध होती है और सोशल मीडिया से कुछ छुपा भी नहीं है। चाहे चुनावों की बात या फिर शेयर मार्केट या फिर सरकार द्वारा जनता कोई जानकारी मुहैया करवाने का, हर जगह सोशल मीडिया की भूमिका अहम होती जा रही है।
इसी कड़ी में सामने आया है कि अब हरियाणा सरकार ने सभी विभागों को पत्र जारी कर दिया है कि वो सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट बनाएं। इसमें सभी तरह के सोशल मीडिया पर विभागीय जानकारी शेयर करनी होगी। पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 20 जनवरी 2022 को लेटर जारी किया गया है और सभी विभागों को जल्दी ही इस बारे में जवाब देना है।
साथ ही कहा गया है कि सभी विभागाध्यक्षों को सोशल मीडिया अकाउंट्स के हैंडलिंग के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्त करनी होगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि सोशल मीडिया अकाउंट की जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाना होगा। ऐसे में नए आदेश आते ही सभी कई विभागों में तो हड़कंप की स्थिति थी और मामले को लेकर सीनियर अधिकारी सोशल मीडिया अकाउंट पर एक दूसरे से राय लेते नजर आए।
ऐसे में नए आदेश से एक तरफ साफ हो गया है अधिकारियों कौन केवल हर विभागीय जानकारी से अपडेट रहना होगा, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए अन्य को सही जानकारी के बारे अपडेट करना होगा। रूटीन के काम पहले की तरह जारी रहेंगे।
जारी लेटर में साफ किया गया है कि कई सोशल मीडिया एप और मंच पर जानकारी साझा करनी होगी। विभागों को फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर जानकारी डालनी होगी। इसके अलावा कू एप को भी एड किया गया है। विभागों को कू एप पर जानकारी साझा करनी होगी। बता दें कि कू स्वदेशी एप है और इस कदम को एक तरह से स्वदेशी तकनीक और एप को दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
जारी लेटर में लिखा गया है कि सभी विभागों को हर जरूरी जानकारी तो सोशल मीडिया पर डालनी ही होगी, इसके अलावा विभागों को लेकर अन्य सोशल मीडिया पर डाली गई जानकारी का खंडन विभागीय एप किया जाएगा। इसके अलावा सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी विभागों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी शेयर करनी होगी।
उपरोक्त के अलावा जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि हर विभाग को सोशल मीडिया अकाउंट चलाने के एक नोडल अधिकारी अप्वाइंट करना होगा। अगर किसी विभाग के बारे कहीं कोई गलत जानकारी या फेक न्यूज़ चल रही है तो संबंधित विभाग के सोशल मीडिया नोडल अधिकारी को ऐसा करने वालों के खिलाफ समय पर सटीक कदम उठाना होगा। लेटर में लिखा गया है कि किसी भी विभाग, बोर्ड और निगमों के हैड की भी इसको लेकर जवाबदेही तय की गई है।
वहीं दूसरी तरफ ये भी माना जा रहा है कि सभी विभागों को सोशल मीडिया अकाउंट्स की हैंडलिंग के लिए एक्सपर्ट्स व आईटी स्टाफ की जरूरत पड़ेगी। साथ ही सोशल मीडिया चलाने के लिए आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर की भी आवश्यकता पड़ेगी और इसके लिए बजट चाहिएगा।
हालांकि इस बारे अभी शुरुआती तौर पर कुछ क्लियर नहीं है लेकिन उम्मीद है इसको लेकर भी चीजें साफ हो जाएंगी। नए आदेशों से साफ है कि अब सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अब सोशल मीडिया के इस्तेमाल में पारंगत होना होगा ताकि जरूरत के लिहाज से वो काम को अंजाम दे सकें।
किसी भी विभाग में सोशल मीडिया हैंडलिंग को लेकर अप्वाइंट किए गए नोडल अधिकारी को अपने और सोशल अकाउंट के बारे में कई तरह की जानकारी देनी होगी। पूरी जानकारी को diprsocial@mail.com मेल आईडी पर डालना होगा। इसमें विभाग का नाम बताना होगा, इसके अलावा नोडल अधिकारी का नाम भी मेल पर इंगित करना होगा।
साथ ही नोडल अधिकारी को अपने डेसिगनेशन के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही बताना होगा कि विभाग कितने सोशल मीडिया अकाउंट को रन कर रहा है। साथ मेल आईडी भी बतानी होगी और कांटेक्ट नंबर भी जारी करना होगा। उपरोक्त मेल आईडी हरियाणा जन संपर्क विभाग की है और इस पर आने वाली जानकारी को लेकर भी जवाबदेही तय की गई है।
सरकार के आदेशों में स्पष्ट तौर पर विभाग, विभागाध्यक्ष और सोशल मीडिया अकाउंट के बनाए जाने वाले नोडल अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। अगर कोई संबंधित जिम्मेदारी के निर्वहन में लापरवाह बरतते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी एक तरह से तय है।
जारी आदेशों के अनुसार मुख्यमंत्री खुद पूरे मामले पर नजर रखेंगे और जल्दी ही मामले को लेकर रिव्यू बैठक लेंगे। सरकार मामले को लेकर सख्ती के मूड में नजर आ रही है। ऐसे में ये भी साफ है कि आने वाले समय में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सोशल मीडिया का भी पूरा ज्ञान होना आवश्यक होगा।
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