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मुख्यमंत्री मनोहर लाल 1 मई को करेंगे निर्मल सरोवर योजना की शुरूआत, सोनीपत में होगा राज्य स्तरीय समारोह, जानें क्या है नर्मल सरोवर योजना?

Naresh Kumar • LAST UPDATED : April 28, 2022, 8:25 pm IST
  • इस योजना के तहत प्रदेश में 111 निर्मल सरोवरों का शुभारंभ किया जाएगा
  • 22 जिलों में 1650 तालाबों को चिन्हित किया
  • इनमें 115 शहरी तथा 1535 ग्रामीण तालाब शामिल

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 1 मई, 2022 को प्रदेश में निर्मल सरोवर योजना की शुरूआत करेंगे, जिसके तहत प्रदेश में 111 निर्मल सरोवर का शुभारंभ किया जाएगा। हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 1 मई, 2022 को सोनीपत में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जाएगा और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी संसदीय एवं विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों द्वारा 111 स्थानों पर निर्मल सरोवर योजना का शुभारंभ किया जाएगा।

हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई अमृत सरोवर योजना के तहत हरियाणा में निर्मल सरोवर बनाए जाने हैं। प्रथम चरण में राज्य के सभी 22 जिलों में 1650 तालाबों को चिन्हित कर लिया गया है, जिसमें 115 शहरी तथा 1535 ग्रामीण तालाब शामिल है।

उन्होंने बताया कि इन तालाबों का विकास तय मानदंडों जैसे तालाब का न्यूनतम क्षेत्रफल एक एकड़ या इससे अधिक होना चाहिए, तालाब की उचित गहराई के साथ साथ उचित ढलान वाले तटबंध बनाना इत्यादि के अनुसार किया जाएगा।

इन तालाबों के किनारों पर लगाए जाएंगे ये पौधे

इसके अलावा, इन तालाबों के किनारे बड़, पीपल, नीम आदि प्रकार के वृक्ष व अन्य वनस्पति लगाई जाएगी, ताकि वातावरण व जैव विविधता पर अनुकूल प्रभाव पड़े। तालाब में बहने वाले गंदे पानी को ठीक से उपचारित किया जाएगा ताकि पानी को पशुओं के पीने योग्य, मछली पालन व सिंचाई हेतु उपयोग किया जा सके और तालाबों के पुर्नद्धार से निरन्तर गिरते भू-जल स्तर में भी सुधार होगा।

हरियाणा में सरकारी जमीन पर हैं कुल 18827 तालाब

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पीडीएमएस साफ्टवेयर के माध्यम से राज्य में सरकारी जमीन पर स्थित सभी तालाबों का डाटा एकत्रित किया गया है, जिनकी 27 अप्रैल 2022 तक कुल संख्या 18827 (ग्रामीण 17971 और शहरी 856) है।

इन तालाबों में बहने वाले अपशिष्ट जल को कंस्ट्रक्टिड वेटलैंड तकनीक के माध्यम से उपचारित किया जा रहा है, ताकि इन जीर्णोद्धार किए गए तालाबों के जल का उपयोग मछली पालन, पशुओं के उपयोग के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई के लिए किया जा सके।

18 माडल तालाबों में से 9 तालाब पूरे हो चुके

इसके अतिरिक्त भू-जल रिचार्जिंग का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में लिए गए पहले 18 मॉडल तालाबों में से 9 तालाब पूरे हो चुके हैं और शेष 9 तालाब 31 दिसंबर, 2022 तक पूरे होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त गोहाना, सोनीपत में ट्रीब्यूट्री ड्रेन नंबर- 4 के गंदे पानी के उपचार का कार्य भी कंस्ट्रक्टिड वेटलैंड तकनीक द्वारा किया जा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निदेर्शों और मार्गदर्शन के अनुसार प्राधिकरण ने अतिप्रवाहित तालाबों सहित सभी प्रदूषित तालाबों के जीर्णोद्धार व पुनरुद्धार हेतु वित्त वर्ष 2021-22 व 2022-23 के लिए क्रमश: द्वितीय व तृतीय चरण की कार्य योजना तैयार की है।

द्वितीय चरण के तहत वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, 736 गांवों के कुल 1803 प्रदूषित तालाबों में से 694 गांवों के 1609 तालाबों के आर्किटेक्चरल वर्किंग ड्रॉइंग्स पहले ही जारी की जा चुकी हैं और शेष 30 अगस्त, 2022 तक जारी किए जाएंगे। इनमें से 149 तालाबों के कार्यों का आवंटन किया जा चुका है और 114 तालाबों पर काम शुरू कर दिया गया है।

105 तालाबों पर जल्द शुरू होगा काम

उन्होंने बताया कि तृतीय चरण के तहत वित्तय वर्ष 2022-23 में 1044 गांवों के 2558 प्रदूषित तालाबों के लिए कार्य योजना जारी है और 31 अक्टूबर, 2022 तक सभी आर्किटेक्चरल ड्रॉइंग्स भी जारी कर दी जाएंगी। जल्द ही 105 तालाबों पर काम शुरू हो जाएगा।

इसके अलावा इन कार्य योजनाओं में 5000-10000 की आबादी वाले कुल 562 गांवों में से 409 गांव और 10,000 से अधिक आबादी वाले 109 गांवों को शामिल भी किया गया है और शेष गांवों को चौथे चरण में लिया जाएगा।

प्रवक्ता ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा सैटेलाइट इमेजिंग के माध्यम से सरकारी भूमि पर स्थित सभी जल निकायों की जियो-मैपिंग और जियो टैगिंग करवाई जा रही है, जिसके 30 जून, 2022 तक पूरा होने की संभावना है।

प्राधिकरण द्वारा प्रति वर्ष 2500 तालाबों का जीर्णोद्धार व पुनरुद्धार किया जाएगा और इसके लिए आगामी वर्षों में प्राधिकरण ने प्रदूषित व अतिप्रवाहित तालाबों सहित शेष सभी तालाबों का पुनर्निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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