संबंधित खबरें
यूरिक एसिड के क्रिस्टल ने जोड़ों का कर दिया है बूरा हाल, उठना बैठना हुआ मुश्किल, तो इस हरे पत्ते का शुरू कर दें सेवन, खुरच कर करेगा बाहर!
फैटी लिवर ने कर दिया है परेशान, और दुगनी बढ़ गई है समस्या तो आज ही खाने-पीने की इन चीजों से कर दें अलविदा!
किडनी फेल होने से पहले शरीर पे दीखते हैं ये 6 लक्षण, बात हाथ से निकलने से पहले कर लें ये काम!
Skin Care Tips: इन 3 तरीकों से रोक सकते हैं बढ़ती उम्र, चेहरे से गायब हो जाएंगी झुर्रियां
पुरुषों के स्पर्म काउंट से लेकर फर्टिलिटी तक, सभी परेशानी होंगी दूर, बस करना होगा इस हरे रंग की चीज का सेवन
हार्ट की बंद पड़ी नसों को खोलने के लिए पानी में उबालकर पीएं ये 2 चीजें, जमी गंदगी को तुरंत पिघलाकर करेगा बाहर
7 Causes Of Back Pain
7 Causes Of Back Pain : ऑफिस में घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठना, लगातार खड़े होकर काम करना, गलत तरीके से भारी वजन उठा लेना या फिर लगातार दौड़-भाग करना, ऐसी स्थिति में कमर दर्द की शिकायत आम है। इन समस्याओं में विशेष रूप से सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस और पीठ में दर्द की समस्या शामिल है। यह समस्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि लोगों ने अपने वर्कस्टेशन पर पर्याप्त ध्यान दिए बिना घर से काम करना शुरू कर दिया, इसलिए वे बिस्तर या सोफे या डाइनिंग टेबल कुर्सियों या किसी अन्य जगह पर बैठकर काम करते रहे। जो चीज उन्हें उपलब्ध लगती थी वे उस पर लगातार 10 घंटे, 12 घंटे काम करते रहे। ये चीजें स्वास्थ्य के लिए सही नहीं थीं इसलिए हम अच्छी क्वालिटी वाले वर्कस्टेशन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, ये वर्कस्टेशन हमारे आफिस की तरह ही रहते हैं। हम अपनी कुर्सी पर सही तरीके से ध्यान दिए बिना घर से काम करना शुरू कर देते हैं और इससे रीढ़ की हड्डी की बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हम अपने कुछ ओपीडी में 15% की वृद्धि देख रहे हैं, यह वृद्धि हमारे ओपीडी में 60% से ज्यादा है।
Read Also :Healthy Foods अगर आप रहना चाहते हैं फिट तो आज ही अपनी डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड
विशेषज्ञों का इस बारे में कहना है कि भारत में 16 से 34 आयु वर्ग के 20% लोगों का इलाज पीठ और गर्दन की समस्या के लिए किया जाता है। पीठ दर्द का इलाज कराने वाली युवा आबादी का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। 45 प्रतिशत लोग 7 हफ्ते से ज्यादा समय तक अपने दर्द का कोई उपाय नहीं करते हैं जिसके परिणामस्वरूप इलाज में देरी होती है। इस ट्रेंड को देखकर सवाल उठता है कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द कैसे होता है? हमारी पीठ के निचले हिस्से में एक जटिल संरचना होती है और यह पांच लंबर वर्टेब्रे (काठ कशेरुकाओं) – छ1 से लेकर छ5 से बनी होती है। ये मांसपेशियों और लिगामेंट द्वारा एक कॉलम बनाने के लिए एक साथ एलाइन होते हैं। लंबर स्पाइन पीठ के लिए सपोर्ट प्रदान करता है और ऊपरी शरीर का अधिकांश भार सहन करता है।
इसलिए, पीठ के निचले हिस्से में ऊपरी पीठ की तुलना में पीठ दर्द की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि पीठ के निचले हिस्से में मैकेनिकल भार होता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द के 10 प्रमुख कारण यहां बताए गए हैं, और उनमें से कुछ रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाओं और अन्य स्थितियों से जुड़े हुए हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पीठ के निचले हिस्से में चोट लगना और घर पर थोड़ा सा भी गिरने से जैसे कि सीढ़ियों से तेजी से नीचे उतरते समय गिरना या बाथरूम में फिसलना, सड़क यातायात दुर्घटनाएं रीढ़ की हड्डी की चोटों के लिए साधारण फ्रैक्चर से लेकर रीढ़ की हड्डी की चोटों तक बहुत दर्दनाक पीठ की चोटों का कारण बन सकती हैं। खेल के दौरान चोटों के लगने से अक्सर लम्बर स्पाइन की मांसपेशियों / लिगामेंट में मोच आ जाती है या वे फट जाते हैं।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अगला सबसे आम कारण झुकना या खराब मुद्रा में बैठना होता है। ज्यादातर लोग लंबे समय तक बैठे रहने के दौरान झुके-झुके रहते हैं और यहां तक कि टीवी देखते हुए भी वे कोई सपोर्ट नहीं लेते हैं। लंबे समय तक लगातार बैठे रहने से डिस्क पर असामान्य खिंचाव हो सकता है और रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं जिससे पीठ दर्द हो सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ सामान्य टूट-फूट के कारण हमारे जॉइंट (जोड़) धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं। इंटरवर्टेब्रल डिस्क भी इसी तरह सिकुड़ने लगती हैं और तंत्रिका जड़ें (नर्वस रूट्स) खिंच जाती हैं। रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता भी समाप्त हो जाती है और वह कठोर हो जाती है। ऐसे सेनारियो में स्पाइनल कनाल सिकुड़ जाती है, जिससे एक गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है जहां रीढ़ की हड्डी पर बहुत ज्यादा दबाव दर्द, सुन्नता और चलने में कठिनाई होती है। इसे न्यूरोजेनिक क्लॉडिकेशन कहा जाता है।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द के लिए एक और प्रमुख कारण विटामिन-डी की कमी भी हो सकती है यह कमी एक एपिडर्मिक के रूप में सामने आ गई है और इसका इलाज सिर्फ जांच और उपचार के द्वारा किया जा सकता है। विटामिन-डी के कम लेवल को उचित एक्सरसाइज और सप्लीमेंट से सही किया जा सकता है।
आस्टियोआर्थराइटिस एक प्रकार का अर्थरायटिस है जिसमें रुमेटाइड अर्थरायटिस और एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस शामिल होता हैं, जो हमारी पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित करते हैं। जब अर्थरायटिस होता है, तो यह जॉइंट्स (जोड़ों) के अंदर सूजन, कार्टिलेज और हड्डी का क्षरण होता है जिससे दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी होती है।
जब रीढ़ में कोई संरचनात्मक या कार्यात्मक समस्या नहीं होती है, तब भी पीठ के निचले हिस्से में इंद्र एब्डोमिनल आर्गन और किडनी की पथरी वाले दर्द से भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। किडनी की पथरी मोड और पीठ के निचले हिस्से में दर्द पैदा कर सकती है।
कई स्पाइनल ट्यूमर के कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो अत्यधिक पीठ दर्द और सुन्नता और कमजोरी सहित न्यूरोलॉजिकल कमी का कारण बनते हैं। रीढ़ में ट्यूमर का स्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वास्तव में स्वस्थ ऊतक जैसे रीढ़ में कशेरुक (हड्डियों) को नष्ट कर देता है, जिससे पीठ दर्द होता है। लगभग 70% स्पाइनल ट्यूमर थोरेटिक (वक्षीय) रीढ़ में स्थित होते हैं। थोरेटिक रीढ़ शरीर के ऊपरी और मध्य भागों में स्थित होते हैं।
Also Read : Lakhimpur Kheri Violence : जांच से नाखुश सुप्रीम कोर्ट की यूपी सरकार को फटकार
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.