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ADHD: क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर? बच्चों में पाए जाते हैं इसके खास संकेत-Indianews

BY: Shalu Mishra • LAST UPDATED : May 28, 2024, 9:34 am IST
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ADHD: क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर? बच्चों में पाए जाते हैं इसके खास संकेत-Indianews

ADHD

India News(इंडिया न्यूज), ADHD: आजकल बच्चों के अंदर बहुत सी बीमारियां देखने को मिल जाती हैं जिसमें कुछ तो शारीरिक होती हैं वहीं कुछ मानसिक होती हैं। इसी में एक डिसोर्डर लोगों के बीच खासतौर पर बच्चों के अंदर देखने को मिल रहा है- अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर। इसको आप कैसे पहचान सकते हैं, इसके क्या संकेत हैं, हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं।

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बच्चे एडीएचडी का हो रहे शिकार

अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो किसी व्यक्ति की ध्यान देने की क्षमता को प्रभावित करता है। एडीएचडी वाले बच्चों को आमतौर पर स्कूल में परेशानी होती है और वे अपनी भावनाओं को ठीक से एक्सप्रेस नहीं कर पाते। ज्यादातर हर भावनाओं को वे गुस्सा से ही दिखाते हैं। इसे अगर समय रहते नहीं पहचाना जाता, तो बच्चा सोशल आइसोलेशन का शिकार भी हो सकता है।

ऐसे में एक अवेयर पेरेंट होने के नाते आपको यह जानना जरूरी है कि एडीएचडी के लक्षण क्या हैं और कहीं आपका बच्चा तो इसका शिकार नहीं है? विलियम्सबर्ग थेरेपी ग्रुप से जुड़ीं चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट इरीना गोरेलिक के अनुसार एडीएचडी के लक्षण अन्य हेल्थ इश्यूज के साथ मिलकर दिखाई देते हैं। ऐसे में कई पेरेंट के लिए इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है लेकिन एडीएचडी के तीन मुख्य संकेत हैं। एक मशहूर न्यूज पोर्टल से बातचीत में गोरेलिक ने तीन संकेत बताए हैं।

बच्चों के हरकतों पर रखें नजर 

स्कूल के टीचर्स अक्सर एक बच्चे में एडीएचडी के लक्षणों को नोटिस करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं। टीचर्स बच्चे की कुछ एक्टिविटीज को ध्यान से देखते हैं, तो उन्हें एडीएचडी के संंकेत मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए, बच्चे को किसी काम को शुरू करने या खत्म करने में परेशानी हो सकती है, खासतौर से जिस काम के कई स्टेप्स होते हैं। वे अच्छी तरह से निर्देशों का पालन नहीं कर पाते।

अकसर भूलने की आदत होती है

एडीएचडी वाले बच्चे अक्सर अपनी चीजों को भूल जाते हैं या फिर सही से मैनेज नहीं कर पाते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि वे लगातार अपनी चीजों को गलत जगह पर रख रहे हों या फोल्डर में सही से सामान नहीं रख पा रहे हों। अकसर बच्चों के अंदर ये सभी संकेत देखने को मिलते रहते हैं और इसका इलाज कराना जरूरी है, वरना हो सकता है कि भविष्य में आपको इसका मोस चुकाना पड़े।

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अस्थिर व्यवहार 

एडीएचडी बच्चे के शरीर पर शारीरिक रूप से भी असर करता है। वे स्थिर होकर एक जगह नहीं बैठ पाते हैं और आमतौर पर आपकी सीट पर टैप करते या भागते रहते हैं। जब उन्हें बैठने के लिए कहा जाता है, तो वे 20 मिनट तक स्थिर नहीं बैठ पाते हैं। वे ज्यादा बात कर सकते हैं और बातचीत को बनाए रखने में परेशानी हो सकती है। वे इधर-उधर भागते भी हो सकते हैं। इन कारणों से उन्हें दोस्त बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

डॉक्टर से जरूर लें सलाह 

गोरेलिक का कहना है कि ये लक्षण कम से कम छह महीने दिखाई दें, तो इलाज के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें। सबसे पहले बच्चे के बिहेवियर को देखा जाता है, इसके बाद उसकी जरूरतों के हिसाब से उसे ट्रीटमेंट दिया जाता है। इस बीमारी को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। वक्त रहते इसको डॉक्टर से दिखाएं क्योंकि ये एक गंभीर समस्या है।

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