India News (इंडिया न्यूज़), Ayurveda Tips For Eating, दिल्ली: नया साल आ चुका है हर कोई कुछ ना कुछ रिसोल्यूशन लेता है। हम आपको नये साल के मौके पर आपको खान पान संबंधी कुछ ऐसी आदतें बताना चाहते हैं जिन्हें अगर आप अपनाएंगे तो ना केवल आप बीमारियों से बचेंगे बल्कि आप यंग एनर्जेटिक रहेंगे।
नमस्कार मेरा नाम है आदित्य चौहान। साथियों सेहत अच्छी रहे इसके लिए अच्छा खाना और अच्छे से खाना। ये दोनों ही बेहद जरूरी है। हम दिनभर में जो भी खाते-पीते हैं। जरूरी नहीं कि वो शरीर के लिहाज से फायदेमंद ही हो। आयुर्वेद में हर चीज के खाने-पीने का समय, मौसम और लोगों की शारीरिक बनावट के हिसाब से तय किया गया है। ऐसे में अगर फिट और हेल्दी रहना है तो आयुर्वेद के अनुसार हमें क्या खाना चाहिए? कैसे खाना चाहिए? कब खाना चाहिए? और कितना खाना चाहिए? आइए इस रिर्पोट में जानते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में मेनली 3 तरह के तत्व पाए जाते हैं वात, पित्त और कफ। शरीर में जब भी इन तत्वों का संतुलन बिगड़ता है तो व्यक्ति बीमार हो जाता है। इसलिए इससे बचने के लिए ऐसा खाना खाने की सलाह दी जाती है जो जल्दी पचने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर हो। इसके अलावा आयुर्वेद में नियमित रूप से संतुलित आहार लेने पर भी जोर दिया गया है। Ayurveda Tips For Eating
खाने को कब खाया जाए, किस तरह का भोजन खाया जाए और किस तरह खाया जाए। इन बातों का जिक्र भी आर्युवेद में मिलता है। आयुर्वेद के मुताबिक खाने को अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना चाहिए। इससे खाना जल्दी और अच्छी तरह से पचता है।
आयुर्वेद के अनुसार हमेशा भूख से थोड़ा कम ही खाना चाहिए। एक बार में बहुत ज्यादा खाना खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसकी वजह से भोजन का पाचन सही तरह से नहीं हो पाता।
वहीं भोजन करते समय जब तक जरूरत महसूस न हो, पानी न ही पिएं तो बेहतर है क्योंकि खाते वक्त पानी पीने से भोजन को पचने में ज्यादा समय लग सकता है साथ ही खाना खाते समय ज्यादा पानी पीने से डाइजेस्टिव प्रोब्लम्स भी हो सकती हैं।
आयुर्वेद में घूंट-घूंट पानी पीना अमृत के समान बताया गया है। आप खाना खाने से 40-50 मिनट पहले और खाना खाने के लगभग आधे घंटे बाद पानी पी सकते हैं। खाने के दौरान जरूरत होने पर एक-दो घूंट पानी पी सकते हैं। खाना खाने के तुरंत पहले पानी पीने से पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। वहीं, खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से मोटापा बढ़ता है। Ayurveda Tips For Eating
आर्युवेद में सादा या गुनगुना पानी पीना सेहतमंद माना गया है। आर्युवेद में ये भी कहा गया है कि हमें हमेशा मौसम के अनुकूल ही भोजन करना चाहिए। मसलन गर्मियों के मौसम में हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन करना चाहिए।
साथ ही लिक्विड और ठंडी चीज़ों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। वहीं सर्दियों के मौसम में ऑयली, मीठे, खट्टे और शरीर को गर्म रखने वाली चीज़ों का सेवन करना चाहिए। सर्दियों के मौसम में बासी भोजन और ठंडी चीज़ों से दूर रहना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार जमीन पर बैठकर खाने से खाना अच्छी तरह पचता है और भोजन के जरूरी तत्व शरीर को पूरी तरह से मिल पाते हैं। हमें कभी भी खड़े होकर भोजन नहीं करना चाहिए। इससे खाना पचने में कई समस्याएं पैदा होती हैं।
खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलना भी चाहिए, इससे खाना जल्दी पचता है। खाना खाने के बाद एक जगह बैठे रहने या लेटने से डाइजेशन में दिक्कत होती है। और इससे मोटापा भी बढ़ता है।
इसके अलावा रात का भोजन सोने से कम से कम दो से तीन घंटे पहले कर लेना चाहिए। रात का भोजन एकदम हल्का होना चाहिए। कम मिर्च-मसाले और कम ऑयली खाना रात के लिए एकदम सही है। रात को सोने से कुछ देर पहले दूध भी पिया जा सकता है।
आयुर्वेद में खाने-पीने की कुछ चीजों का कॉम्बिनेशन सही नहीं माना गया है। मसलन किसी भी फल के साथ दूध का सेवन न करें। जैसे हम शेक पीते हैं। आयुर्वेद में उसे सेहत के लिए ठीक नहीं बताया गया है। इसी प्रकार बहुत ज्यादा ठंडी दही के साथ गर्म परांठे न खाएं। साथ ही दूध के साथ कोई भी ऐसी चीज न खाएं जिसमें नमक मिला हो।
दोस्तों अगर आप खान पान की इन आदतों को अपनाएंगे तो यकीनी तौर पर इससे आपका पाचन तंत्र स्वस्थय् रहेगा। अगर पेट ठीक रहेगा तो आप बीमार नहीं होंगे और इससे यकीनी तौर पर आपके खरीर और आपके चेहरे की रंगत भी हमेशा बनी रहेगी।