India News (इंडिया न्यूज),Bad Cholesterol: आजकल बदलती जीवनशैली, खराब खानपान और एक्सरसाइज की कमी के कारण शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ने लगता है। बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में लोग खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए वॉक करते हैं या जिम जाते हैं। वॉक करने वालों की संख्या जिम जाने वालों से कहीं ज्यादा है। ऐसे में अगर वॉक करते समय आपको अपने शरीर में कुछ लक्षण नजर आएं तो समझ लें कि आपका बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है। आइए, जानते हैं वॉक करते समय आप इसका पता कैसे लगा सकते हैं?
पैरों में दर्द: अगर टहलने के दौरान पैरों में ज़्यादा दर्द हो, तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों में से एक है। धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से वे छोटी हो जाती हैं और मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। इससे पिंडलियों, जांघों या नितंबों में दर्द या थकान होती है, खासकर टहलने या सीढ़ियाँ चढ़ने के दौरान।
Bad Cholesterol: वॉक के दौरान दिखें ये संकेत तो हो जाएं सावधान!
मांसपेशियों में कमज़ोरी: हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों के सिकुड़ने से पैरों की मांसपेशियों में कमज़ोरी आ सकती है। यह चलने, संतुलन बनाने या यहाँ तक कि लंबे समय तक खड़े रहने के रूप में भी देखा जाता है।
निचले हिस्से में ठंड लगना: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण रक्त संचार सही नहीं होता, जिससे पैर दूसरे हिस्से की तुलना में ज़्यादा ठंडा रहता है। खासकर टहलने के दौरान या उसके बाद। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धमनियों के सिकुड़ने से रक्त प्रवाह सीमित हो जाता है, जिससे गर्मी का फैलाव कम हो जाता है।
सुन्नता या झुनझुनी: अगर टहलने के दौरान पैरों में झुनझुनी होती है, तो यह भी हाई कोलेस्ट्रॉल का लक्षण है। कोलेस्ट्रॉल जमा होकर धमनियों को संकरा कर देता है, जिससे तंत्रिका क्रियाकलाप प्रभावित होते हैं। इसके कारण चलते समय पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होता है।
रंग परिवर्तन: अगर चलते समय पैरों के रंग में बदलाव हो, जैसे हल्का या बैंगनी-नीला रंग, तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है। धमनियां संकरी होने पर ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाती, जिससे त्वचा का रंग बदलने लगता है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा हुआ है या नहीं, यह जानने के लिए नियमित जांच करवाएं। अपनी डाइट को अच्छा बनाएं। ट्रांस और फैट को सीमित करते हुए डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल करें। नियमित रूप से व्यायाम करें, जिसमें पैदल चलना भी शामिल है। यह कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को बूस्ट करता है और वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
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