Benefits Of Fasting जाने-माने विशेषज्ञ और कोशिका विज्ञानी डॉ. वाल्टर लोंगो का कहना है कि उपवास धारण करना शरीर के मेटाबॉलिज्म में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इन बदलावों की पुष्टि के लिए उन्होंने गहन अनुसंधान और परीक्षण किए हैं। उन्होंने इसके लिए बाकायदा एक फास्टिंग मिमिकिंग डाइट (एफएमडी) विकसित की है जो मूलत: पौधों से प्राप्त कर तैयार की गई है।
जबकि कुछ सामग्री मछलियों से प्राप्त है। उन्होंने कहा कि उपवास से शरीर के मेटाबॉलिज्म में अहम बदलाव आते हैं। यह प्रक्रिया शरीर में पहुंचने वाले उच्च वसा को कम करती है। इससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके साथ ही एफएमडी के सेवन से शरीर के वजन, पेट की चर्बी तथा कमर की चर्बी कम होती है लेकिन यह बीएमआई को कम नहीं कर पाती है।
एमएमडी को पौंधों से प्राप्त सामग्री से तैयार किया गया है तथा यह सामग्री कम कैलोरी, कम शुगर और कम प्रोटीन युक्त होती है। जबकि इसमें अन सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि उपवास के दौरान नाश्ता, एक भोजन तथा एक बार जलपान नहीं करना आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि जो लोग एफएमडी ले रहे हैं, उन्हें कॉफी और अल्कोहल के सेवन से भी बचना चाहिए। लेकिन वे चाय ले सकते हैं जिसमें उचित मात्रा में दूध और चीनी शामिल की जा सकती है।
कॉफी का सेवन यदि करें तो बेहद सीमित मात्रा में। लेकिन शराब और वाइन का बिल्कुल सेवन नहीं करें। उन्होंने कहा कि उपवास और एमएमडी के जरिये पांच महीने में वजन कम किया जा सकता है तथा महीने में पांच दिन और कम से कम तीन महीने तक यह प्रक्रिया अपनानी होगी। लेकिन जो लोग पूरी तरह से फिट हैं, वह भी महीने में एक बार इस प्रक्रिया को अपना सकते हैं ताकि वह खुद को स्वस्थ बनाए रख सकें।
उन्होंने कहा कि बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं उसके प्रभाव को तय करती है। कोरोना महामारी में भी यह देखा गया है। उम्र और स्वास्थ्य ने मृत्यु दर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए यह उपाय अपनाए जा सकते हैं। हालांकि अधिक उम्र तक जीने का कोई तय फॉर्मूला नहीं है। लांस एजिल्स की एक महिला 115वां जन्मदिन मनाती है।
उसने कभी धूम्रपान एवं शराब का सेवन नहीं किया। लेकिन फ्रांस की 122 साल की महिला 117 साल तक धूम्रपान और रेडवाइन का सेवन करती रही है। इसी प्रकार पेंग्विन कई महीनों तक बिना कुछ खाये जीवित रह सकते हैं। डॉ लोंगो दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में दीर्घायु संस्थान में निदेशक हैं। वह इटली के मिलान में इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर ऑन्कोलॉजी में दीर्घायु और कैंसर कार्यक्रम के निदेशक भी हैं।
वाल्टर लोंगों ने बताया कि मोटापे से जूझ रहे बच्चे स्वस्थ रहने के लिए मेडिटेरेनियन डाइट ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को उच्च स्टार्च सामग्री वाले भोजन जैसे कि पास्ता, पिज्जा, आलू, स्नैक्स, फ्रूट ज्यूस और चीनी में कटौती करनी चाहिए।
मेडिटेरेनियन डाइट में मछली, फल, बीज, फलियां, मेवे, सब्जियां, साबुत अनाज, जैतून का तेल, डेयरी उत्पाद, कम संतृप्त वसा शामिल होते हैं। उनकी वेबसाइट कहती है कि प्रोटीन की मात्रा को भी उम्र के अनुसार नियंत्रित किया जाना चाहिए और बच्चों को प्रति दिन शरीर के वजन के हिसाब से प्रोटीन का सेवन करना चाहिए।
(Benefits Of Fasting)
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