India News (इंडिया न्यूज), Breastfeeding And Breast Cancer Connection: बच्चों की सही विकास के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा जरूरी होता है, इसलिए स्तनपान का महत्व भी बढ़ जाता है इसलिए लगभग 6 महीने के लिए सिर्फ मां का दूध बच्चों को पिलाना जरूरी माना जाता है। इसके साथ ही बता दे की 1 से लेकर 7 अगस्त तक वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक भी मनाया जाता है। जिसमें ब्रेस्टफीडिंग के फायदे और उसके असर के बारे में बातें होती हैं। इसके साथ ही ब्रेस्टफीडिंग के फायदे में ब्रेस्ट कैंसर से बचाव को कैसे देखा जाता है। इसके बारे में बताया जाता है, ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ब्रेस्टफीडिंग से आप ब्रेस्ट कैंसर को कैसे रोक सकते हैं।
एस्ट्रोजन हार्मोन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद महिला के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर काफी कम हो जाता है और प्रोलैक्टिन हार्मोन का सीरम स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में जब भी मां अपने बच्चे को स्तनपान कराती है, तो प्रोलैक्टिन हार्मोन दूध के उत्पादन को बढ़ा देता है। स्तनपान के दौरान प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर को बढ़ने नहीं देता और इसलिए स्तनपान कराने वाली महिला को इस दौरान नियमित मासिक धर्म नहीं होता। इसे लैक्टेशनल एमेनोरिया कहते हैं। Breastfeeding And Breast Cancer Connection
इसके साथ ही लंबे समय तक बच्चों को स्तनपान कराने के समय कुछ महिलाओं को पीरियड्स नहीं आते जिस वजह से उनका एस्ट्रोजन लेवल बराबर रहता है लेकिन एक बार जब बच्चा धीरे-धीरे दूध पीना छोड़ देता है तो उनके शरीर के हारमोंस बराबर होते हैं और ओवुलेशन दोबारा शुरू हो जाता है। ऐसे में एक थ्योरी में यह भी कहा गया है कि महिला जितनी बार बच्चों को जन्म देगी और स्तनपान करेगी उतनी बार उसके ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता जाएगा।
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