संबंधित खबरें
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- '10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू'
कहीं आप भी तो रोज नहीं खाते हैं रोज पत्तागोभी, वरना हो जाएगा बड़ा नुकसान, जानिए न्यूरोलॉजिस्ट से बचने का आसान तरीका
30 साल पुरानी Blood Pressure की बीमारी को मात्र 15 दिन में ठीक कर देगा ये एक देसी उपाय, 2 महीने में तो शरीर हो जाएगा हर रोग से मुक्त
6 दिनों के अंदर जड़ से खत्म हो जाएगा बवासीर, जो कर लिया इन 2 चीजों का सेवन, जिंदगीभर के लिए पाइल्स से मिल जाएगा छुटकारा!
क्या आपको भी अंदर जकड़ लेता है कोल्ड और कफ, तो अपना लें घरेलू ये नुस्खे, अंदर जमी बलगम को खुरच कर करेगा बाहर!
इन 5 कारणों से सिकुड़ जाता है मर्दों का लिंग, अगर समय रहते हो गए सचेत तो वैवाहिक जीवन में पाएंगे चरम सुख
Corona अब यह बात लगभग सभी जान चुके हैं कि कोरोना संक्रमण के बाद मरीजों में इसके लक्षण बहुत दिनों तक कायम रहते हैं। कुछ मरीजों में साल भर बाद भी कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना के कारण शरीर के कई अंग और उनके काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। अब मेडिकल एक्सपर्ट की मानें, तो कोरोना से रिकवर होने के बाद मरीजों का वजन कम होने लगा है। कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित लोगों में यह समस्या ज्यादा आ रही है। हालांकि इस बात पर अभी तक कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं आया है, लेकिन कुछ अध्यनों में यह बात प्रमाणित हुई है कि जिन कोरोना मरीजों को गंभीर स्थिति हो जाने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था या उनका स्वाद चला गया था या सांस से संबंधित गंभीर समस्याएं हो गई थी, उन मरीजों में वजन कम हो रहा है। साथ ही ऐसे मरीजों में कुपोषण की परेशानी भी हो रही है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंर्फोरमेशन के अध्यन के मुताबिक कोरोना में गंभीर रूप से बीमार पड़े लोगों में वजन कम और कुपोषण का जोखिम बहुत ज्यादा रहता है। करीब 30 प्रतिशत मरीजों में बॉडी का वेट 5 प्रतिशत तक कम हुआ है। कोरोना के कारण गंभीर रूप से पीड़ित करीब आधे मरीजों पर कुपोषण का खतरा मंडरा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अधिकांश कोविड मरीजों में स्वाद और गंध चले जाने के कारण वजन कम हो रहा है। यह समस्या उन मरीजों में ज्यादा गंभीर है जो म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के शिकार हुए थे। ऐसे मरीजों में बीमारी के कारण हाई डोज एंटी फंगल दवाई दी गई, जिसके कारण मरीज में बेचैनी बढ़ गई और भूख लगने में दिक्कत हुई।
Read More : लाओस की गुफाओं में पाए गए Corona संक्रमण फैलाने वाले चमगादड़
अध्यन में पाया गया कि स्वाद और गंध में बदलाव के कारण मरीज में थकान बहुत ज्यादा होने लगी और भूख की कमी हो गई। इसके अलावा घर पर आने के बाद फिजिकल गतिविधियां भी पूरी तरह बंद हो गई। इससे वजन में कमी आना स्वभाविक है। इसके साथ ही शरीर के अंदर सूजन की समस्या ने कुपोषण के जोखिम को भी बढ़ा दिया। यहां तक कि जिन कोरोना मरीजों को अस्पताल नहीं जाना पड़ा, उनमें से भी कुछ मरीजों में कुपोषण जैसी समस्याएं देखी गई।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.