संबंधित खबरें
बड़ी से बड़ी पथरी को भी मॉम की तरह पिघलने की ताकत रखता है ये देसी नुस्खा, बस आना चाहिए सेवन का सही तरीका?
शरीर को सबसे ज्यादा लोहा-लाट बनाता है ये भारतीय खाना, अब तो दुनिया भर में हो रही है इसकी जय-जयकार
कब्ज़ से लेकर पाइल्स तक क्या इंग्लिश टॉयलेट बन रहा है पेट के हर रोग की वजह? सिर्फ टॉयलेट शीट या बैठने की पोजीशन भी है एक और कारण!
पुरुषों के इस अंग को डैमेज कर देता है गर्म पानी से उनका नहाना, बन जाएंगे नपुंसक…मर्द भूलकर भी इस अंग पर न डालें हॉट वाटर, नहीं तो…?
चीन में फैले नए वायरस HMPV से हाल हुआ बेकाबू भारत में भी जारी हुआ अलर्ट, यहां जानें एडवायजरी लागू
हार्ट अटैक से 30 दिन पहले आंखों में दिखते हैं ये 5 लक्षण, भूलकर भी ना करें इग्नोर
Corona वायरस ने शरीर में कितना संक्रमण फैला दिया है इस बात को लेकर लोगों में कई तरह की दुविधाएं हैं। कई मरीज कोविड-19 की पुष्टि के लिए सीटी स्कैन और कई तरह की जांचे करवाने अस्पताल पहुंचते हैं। कुछ दिन पहले चिकित्सा विशेषज्ञों ने सीटी स्कैन के खतरनाक होने का अंदेशा जताया था। लेकिन अब, चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि सीटी स्कैन से कोविड-19 रोगियों में कैंसर का खतरा नहीं बढ़ रहा है, लेकिन स्कैन नहीं कराने से उपचार में देरी हो सकती है और अधिक नुकसान हो सकता है।
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि सीटी स्कैन से कोविड-19 रोगियों में कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है। वहीं अगर समय पर स्कैन नहीं कराया गया तो उपचार में देरी हो सकती है और अधिक नुकसान हो सकता है।
अध्ययन के निष्कर्ष हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की पत्रिका इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुए हैं। इस अध्ययन में पीजीआईएमईआर से डा. निधि प्रभाकर और एम्स नई दिल्ली से डा. आशु सेठ भल्ला शामिल हैं।
महामारी की दूसरी लहर के दौरान, देश में सीटी स्कैन को लेकर एक नई बहस छिड़ गई थी। कहा जा रहा था कि सीटी स्कैन आनुवंशिक उत्परिवर्तन पैदा कर सकता है और कैंसर का कारण बन सकता है, क्योंकि इसमें आयनकारी एक्स-रे का उपयोग शामिल है जिसे खतरनाक विकिरण के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
अध्ययन में शामिल पीजीआईएमईआर के रेडियोलॉजिस्ट डॉ मंदीप गर्ग ने कहा कि हालांकि, हमने वर्तमान वैज्ञानिक साहित्य की समीक्षा की और निष्कर्ष निकाला कि यह सिद्धांत पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि कैंसर के जोखिम के डर से सीटी स्कैन नहीं कराने से उपचार में देरी हो सकती है और अधिक नुकसान हो सकता है।
डॉक्टरों के निष्कर्ष के अनुसार, 125 से अधिक वर्षों से एक्स-रे और लगभग 50 वर्षों से सीटी स्कैन का उपयोग करने के बावजूद, आज तक कोई निश्चित वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला, जो यह साबित कर सके कि सीटी स्कैन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
आज टेक्नोलॉजी ने इतनी तरक्की कर ली है कि सीटी स्कैन मशीन में बेहद कम रेडिएशन होती हैं। हालांकि डॉक्टर भी लोगों को यही सलाह देते हैं कि यदि माइल्ड लक्षण हैं, तो सीटी स्कैन ना ही करवाएं लेकिन यदि लक्षण ज्यादा हैं, तो ही सीटी स्कैन करवाएं।
Read Also : Protein For Brain इस प्रोटीन की मदद से अब दिमाग से बुरी यादें मिटाना होगा आसान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.