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कोरोना का नया वेरिएंट Omicron BF.7, क्या हैं लक्षण और कितना है खतरनाक

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 21, 2022, 9:20 pm IST
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : दुनियाभर में कोरोना के मामलों में अचानक तेजी आ गई है। पिछले 7 दिनों में ही कोरोना के करीब 36 हजार नए मामले सामने आए हैं। अकेले चीन में ही कोरोना के 10 हजार से अधिक मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। अनुमान है कि चीन की 60% आबादी यानी करीब 80 करोड़ लोग संक्रमित हैं। वहां कई शहरों में लॉकडाउन तक लगाना पड़ा है। कोरोना वायरस से चीन में लगातार मौतें हो रही हैं। लाशों का ऐसा अंबार लगा है कि उन्हें दफन करने के लिए कब्रिस्तानों में जगह नहीं बची है। इसके पीछे कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन BF.7 (Omicron BF.7 Variant) को वजह बताया जा रहा है। आखिर यह वेरिएंट कितना खतरनाक है इसे विस्तार से समझते हैं।

Omicron BF.7 कितना खतरनाक

आपको बता दें, चीन में जिस तरह इस वेरिएंट के लगातार मामले सामने आ रहे हैं उससे साफ है कि यह वेरिएंट काफी तेजी से फैलता है। रिपोर्टों के अनुसार, BF.7 ओमिक्रॉन वेरिएंट ट्रांसमिट करने में तेज है, इसका इन्क्यूबेशन पीरियड कम है और यह लोगों को आसानी से संक्रमित करता है। जो लोग टीका लगवा चुके हैं वह भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में चिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान के वरिष्ठ लेक्चरर मनाल मोहम्मद का कहना है कि BF.7 से संक्रमित एक व्यक्ति 10-18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। बाकी ओमिक्रोन वेरिएंट से सिर्फ 5 लोगों में संक्रमण फैलता था। कोरोना की शुरुआत से अब तक कई सारे वेरिएंट्स आए हैं जिनमें ओमीक्रोन सबसे प्रमुख रहा है।

Omicron BF.7 के लक्षण

रिपोर्टों के अनुसार, BF.7 वेरिएंट ज्यादातर ऊपरी रेस्पिरेट्री ट्रैक (सांस लेने वाली नली) को प्रभावित करता है। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए यह घातक साबित हो सकता है। BF.7 वेरिएंट के कुछ लक्षण हैं जिनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, थकान, उल्टी और दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण भी हो सकते हैं।

इन देशों में सामने Omicron BF.7 के आए मामले

इस वेरिएंट के मामले चीन के अलावा भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, बेल्जियम फ्रांस और डेनमार्क में भी यह वायरस देखा गया है। बताया जा रहा है कि चीन के लोगों में हर्ड इम्यूनिटी विकसित नहीं हुई जिस वजह से वहां के लोगों की इम्यूनिटी अभी अभी कमजोर है। संभव है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग आसानी से इसकी चपेट में आ सकते हैं।
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