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जानिए कितना खतरनाक है कोविड का म्यू वेरिएंट

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: covid mu variant: कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब वैज्ञानिकों द्वारा तीसरे लहर की आशंका जताई जा रही है। बीते तीन दिनों से कोरोना के नए मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घंटे में 42,618 लोग इस महामारी के […]

BY: Prachi • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
covid mu variant: कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब वैज्ञानिकों द्वारा तीसरे लहर की आशंका जताई जा रही है। बीते तीन दिनों से कोरोना के नए मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घंटे में 42,618 लोग इस महामारी के चपेट में आए और 366 लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। इस बीच कोरोना के नए वेरियंट ने लोगों की चिंता और भी बढ़ा दी है। जब से कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की उत्पत्ति हुई है तब से यह वायरस कई बार म्यूटेट हुआ है। पहले अल्फा फिर डेल्टा, लाम्बडा अब शोधकर्ताओं ने एक नए वेरियंट की खोज की है, जिसे म्यू (mu variant) कहा जा रहा है। यह वेरिएंट ना केवल तेजी से फैलता है बल्कि वैक्सीन के प्रभाव को भी कम कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह वेरिएंट सबसे पहले जनवरी 2021 में कोलंबिया में पाया गया था। वहीं पिछले सात महीनों में 39 से ज्यादा देश इस भयावह वेरिएंंट के गिरफ्त में आ चुके हैं। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है म्यू वेरियंट ( mu  variant) और यह अन्य वेरिएंट से कितना ज्यादा खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस वेरिएंट को अच्छे से समझने के लिए अभी और भी अध्ययन की जरूरत है और इसे वरिएंट आफ इंटरेस्ट करार दिया गया है। संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि, जनवरी 2021 में कोलंबिया में इसकी पुष्टि के बाद इसके कुछ ही मामले देखे गए थे। लेकिन बीते 7 दिनों में तेजी से फैलने के कारण यह चिंताजनक हो सकता है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय का एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार जनवरी में इसकी पुष्टि के बाद भी यह डेल्टा वेरियंट को पछाड़ता हुआ नहीं दिख रहा है।

म्यूटेट क्यों होता है वायरस

वायरस के एक अलग वेरिएंट का जन्म तब होता है जब वायरस की मूल जीनोमिक संरचना में परिवर्तन होता है। समय के इसकी इसका विकास होना और बदलना कोरोना वायरस सहित अन्य वायरस के आरएनए की समान प्रकृति है। वायरस का म्यूटेट होना कोई नई बात नहीं है, फ्लू कोल्ड सहित अन्य वायरस भी समय समय पर म्यूटेट होते रहते हैं। इसलिए विशेषज्ञों द्वारा वायरस के नए वेरियंट से बचने के लिए हर साल फ्लू शॉट लेने की सलाह दी जाती है।

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mu variant

वेरिएंट के प्रकार

वायरस को आमतौर पर दो भागों में बांटा जाता है। पहला वेरिएंट आफ कंसर्न यानि चिंताजनक वेरिएंट और दूसरा वेरिएंट आफ इंटरेस्ट। म्यू वेरिएंट को वेरिएंट आफ इंटरेस्ट कहा गया है, इसका मतलब है कि कोरोना का यह वेरिएंट अधिक खतरनाक हो सकता है। हालांकि अभी इस वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन जारी है। कोलंबिया में सामने आए इस नए वेरिएंट के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ईटा, आयोटा, कापा और लाम्बडा को वेरियंट आफ इंटरेस्ट में रखा है। शुरूआती अध्ययनों के मुताबिक म्यू अपना भयावह रूप धारण कर सकता है और आने वाले दिनों में यह डेल्टा पर भी हावी हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वेरिएंट ना केवल तेजी से फैलता है बल्कि यह वैक्सीन के प्रभाव को भी कम कर देता है। अभी कोरोना वायरस के और अधिक वेरियंट के फैलने की आशंका वैज्ञानिकों द्वारा जताई जा रही है।

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