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Disadvantages of Eating Pesticides बढ़ते वजन और फैलते शरीर की वजह से कई बीमारियों का खतरा बना रहता है। वजन बढ़ना, मोटापा या फैटी बॉडी के लिए आमतौर पर ये धारणा रहती है कि इसका कारण अनियमित खान-पान, एक्सरसाइज ना करना, धूम्रपान व अल्कोहल का सेवन करना आदि होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लिए केवल ये कारण ही काफी नहीं है? कनाडा की यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी के मुताबिक मोटापा बढ़ने का कारण कीटनाशक यानि पेस्टिसाइड्स भी हो सकते हैं।
दरअसल हम जो खाना खाते हैं, उसे हमारे तक पहुंचने के लिए कई चरणों से गुजरना होता है। खेत से लेकर दुकान तक वह खराब ना हो, उन्हें कीड़ों से बचाया जाए, इसके लिए उसे सुरक्षित रखना जरूरी होता है। इसलिए उन खाद्य पदार्थों पर कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है। दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिक कीटनाशकों के हमारे शरीर पर प्रभावों को लेकर लगातार सतर्क करते रहते हैं।
इन्ही कीटनाशकों के दुष्प्रभाव को लेकर चिंता के बीच एक और बुरी खबर आई है। कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में सामने आया है कि आम कीटनाशक क्लोरपाइरीफोस मोटापे के संकट की बड़ी वजह हो सकती है।
नेचर कम्युनिकेश में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि कनाडा में प्रतिबंधित क्लोरपाइरीफोस का दुनियाभर में सब्जियों और फलों पर छिड़काव किया जाता है। रिसर्च में पता चला कि यह चूहों के ब्राउन फैट टिशू्स में कैलोरी खर्च होने की प्रक्रिया धीमा कर देता है।
कम कैलोरी खर्च होने से थर्मोजेनेसिस प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे शरीर अतिरिक्त कैलोरी जमा करने लगता है और यह मोटापे का कारण बनता है। यह खोज ब्राउन फैट सेल्स पर इस्तेमाल होने वाले 34 कीटनाशकों के अध्ययन के आधार पर की गई है।
ब्राउन फैट ठंडे मौसम में व भोजन के दौरान सक्रिय रहती है। जीवनशैली में बदलावों से अक्सर स्थायी तौर पर वजन कम नहीं होता है। समस्या के पीछे क्लोरपाइरीफोस है, जो हमारी मेटाबॉलिज्म भट्टी को सुस्त कर देता है।
ब्राउन फैट हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म भट्टी की तरह काम करती है, जो नॉर्मल फैट के विपरीत कैलोरी को जलाती है। इससे जो गर्मी उत्पन्न होती है, वह कैलोरी को हमारे शरीर में सामान्य व्हाइट फैट के रूप में जमा होने से रोकती है।
ज्यादातर स्टडी में वजन बढ़ने के लिए ज्यादा खाने को जिम्मेदार माना जाता रहा है। जबकि, असल समस्या कम कैलोरी का इस्तेमाल होना है। हालांकि, इस अध्ययन का इंसानों पर परीक्षण नहीं हुआ है, लेकिन यह कहना सुरक्षित होगा कि ज्यादा से ज्यादा खाना ऐसा खाएं जो कीटनाशक मुक्त हो।
(Disadvantages of Eating Pesticides)
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