Disadvantages Of Too Much Protein शरीर के विकास और इसे स्वस्थ रखने के लिए प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है। एनिमल प्रोटीन में मीट, फिश, अंडे, चिकन और डेयरी प्रोडक्ट आते हैं जबकि प्लांट फूड प्रोटीन में बीन्स, नट, और अनाज आते हैं। वयस्कों के लिए हर दिन इसकी जरूरी मात्रा शरीर के वजन के हिसाब से 0.8 ग्राम, बच्चों के लिए 1.5 ग्राम और युवाओं के लिए 1.0 ग्राम प्रोटीन है। न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट इंडस्ट्री हाई प्रोटीन डाइट्स लेने पर जोर देती है। कई एथलीट भी मांसपेशियों की मजबूती के लिए हाई प्रोटीन लेते हैं। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि हाई प्रोटीन डाइट लेने के नुकसान भी हैं।
फूड से लिए जाने वाले प्रोटीन में अमीनो एसिड होना जरूरी है क्योंकि हमारा शरीर इसे अपने आप नहीं बना पाता है। बचपन, किशोरावस्था, प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडिंग और बुढ़ापे के दौरान पर्याप्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है। वयस्क होने के बाद, हर दिन प्रोटीन की जरूरी मात्रा बनाए रखना जरूरी होता है। इसका मतलब ये है कि उम्र बढ़ने के साथ कुपोषण से बचने के लिए पर्याप्त प्रोटीन का सेवन जरूरी है। खासतौर से मांसपेशियों की ताकत को बनाए रखने के लिए प्रोटीन जरूरी है। प्रोटीन डाइट को वेट लॉस और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में भी कारगर माना जाता है।
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हर दिन प्रोटीन की कितनी मात्रा लेनी चाहिए, इस पर बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है। हालांकि, पुरुषों के लिए प्रति दिन 56 ग्राम और महिलाओं के लिए 46 ग्राम प्रोटीन लेना जरूरी माना जाता है। आप कम वसा वाले ग्रीक योगर्ट, चिकन ब्रेस्ट और एक कटोरी स्किम मिल्क अनाज से 46 ग्राम प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं। वजन के हिसाब से देखा जाए तो 63 किलोग्राम व्यक्ति को हर दिन 51 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। एक सक्रिय व्यक्ति के लिए 10 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से आनी चाहिए। रेड मीट की बजाय फिश, योगर्ट और बीन्स से प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने की कोशिश करें।
प्रोटीन मांसपेशियों, अंगों और हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी है। हालांकि, अधिक मात्रा में प्रोटीन शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाता है। इससे मोटापा बढ़ने लगता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, कम काबोर्हाइड्रेट के साथ हाई प्रोटीन डाइट लेने से शरीर में फाइबर की कमी हो जाती है और इसकी वजह से कब्ज हो जाता है। मीट, फिश या फिर चिकन के जरिए बहुत ज्यादा प्रोटीन लेने से डायरिया हो सकता है। लिक्विड के रूप में बहुत ज्यादा प्रोटीन लेने से बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है, जिससे डिहाइड्रेशन और बार-बार प्यास महसूस हो सकती है। बहुत ज्यादा प्रोटीन किडनी और दिल को भी नुकसान पहुंचाती है। इसलिए प्रोटीन का चुनाव अपने शरीर के हिसाब से ही करें।