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Disadvantages of Vitamin D : रोजाना लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय बताते रहते हैं। जब से महामारी शुरू हुई है, तब से विटामिन डी के सेवन पर बहुत जोर दिया जा रहा है। विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है।
लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन हानिकारक भी हो सकता है। विटामिन डी की कमी और अधिकता दोनों ही नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए इसकी सही मात्रा के बारे में लोगों को पता होना काफी जरूरी है। डॉक्टर्स का कहना है कि विटामिन डी की कमी से फेफड़ों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। कोरोना के गंभीर मरीजों में विटामिन डी का स्तर काफी कम पाया गया है।
विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूरज है। आपका शरीर सही तरीके से अपना सारा काम करे सके, उसके लिए विटामिन डी फैट-सॉल्यूबल विटामिंस में से एक है। विटामिन डी कैल्शियम का निर्माण करता है। फूड्स, सूर्य और सप्लीमेंट्स में पाए जाने वाले विटामिन डी पोषक तत्वों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
अत्यधिक मात्रा में विटामिन डी के सेवन से शरीर में विषाक्तता हो जाती है। यह विषाक्तता तब होती है, जब रक्त का स्तर 150 मिलीग्राम/एमएल से ऊपर हो जाता है, क्योंकि विटामिन शरीर में वसा में संग्रहित होता है और धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में छोड़ा जाता है, लेकिन इसके बावजूद विषाक्तता आम नहीं है।
यदि आप घर के बाहर हल्की धूप में पर्याप्त समय नहीं बिता रहे हैं, तो संभावना है कि आप में भी विटामिन डी की कमी है। ऐसी स्थिति में इसके सप्लीमेंट देकर इस कमी को पूरा किया जाता है।
प्रतिदिन विटामिन डी की आवश्यकता व्यक्ति के उम्र के आधार पर निर्भर करती है। नीचे हम उम्र के अनुसार प्रतिदिन के लिए आवश्यक विटामिन डी की खुराक के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं। छोटे बच्चों के लिए प्रतिदिन आवश्यक विटामिन डी की मात्रा 1 वर्ष से 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए झ्र 15 माइक्रोग्राम वयस्कों के लिए प्रतिदिन आवश्यक विटामिन डी की मात्रा 15 वर्ष से 70 साल की उम्र तक के लोगों के लिए 15 माइक्रोग्राम
विटामिन डी की कमी के लक्षण और शरीर में विटामिन डी की कमी का कारण बताया है। साथ ही विटामिन डी की कमी से होने वाला रोग भी यहां विस्तार दिए गए हैं। विटामिन डी का स्तर बढ़ाने के लिए आप किस तरह के खाद्य पदार्थ आहार में शामिल करें, इसकी भी पूरी जानकारी हमने दी है।
ध्यान रखें कि जरूरत से अधिक मात्रा में विटामिन डी की खुराक लेने से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए, विटामिन डी सीमित मात्रा में विटामिन डी आहार या सप्लीमेंट्स का सेवन करें। इस लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर कर हर किसी को विटामिन डी की अहमियत बताएं।
अधिक मात्रा में इसका सेवन विटामिन डी टॉक्सीसिटी के नाम से जाना जाता है। इसके कारण मतली, उल्टी, अनियमित भूख, कब्ज, कमजोरी और वजन का घटना जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
इसका अधिक सेवन किडनी से संबंधित कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
इसका सीमित मात्रा से अधिक सेवन खून में कैल्शियम का स्तर बढ़ा सकता है, जिसके कारण हाइपरकैल्सिमिआ यानी भ्रम,आदि हो सकता हैॅ।
भटकाव और ह्रदय की धड़कन से जुड़ी समस्याएं होने का जोखिम बढ़ सकता है।
विटामिन डी के लिए अधिक समय तक धूप के संपर्क में रहने से त्वचा संबंधी विकार, जैसे जलन व खुजली हो सकती है।
Disadvantages of Vitamin D
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