Hindi News / Health / Does Your Body Also Get Bruised Without Any Injury Attention These Marks Indicate A Serious Disease

क्या आपके भी बिना चोट के शरीर पर पड़ जाता हैं नील? सावधान! इस गंभीर बीमारी का संकेत दे रहा है ये निशान

Reason of Blue Marks On Body: क्या आपके भी बिना चोट के शरीर पर पड़ जाता हैं नील

BY: Prachi Jain • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज), Reason of Blue Marks On Body: कई बार शरीर पर चोट लगने के बाद नीले रंग के धब्बे बन जाते हैं, जो कुछ समय बाद स्वतः ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर ये नीले धब्बे बिना किसी चोट के बार-बार उभरते हैं, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। यह स्थिति सायनोसिस (Cyanosis) कहलाती है।

सायनोसिस तब होती है जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण खून का रंग नीला हो जाता है। इस बीमारी में नीले धब्बों के साथ अन्य समस्याएं, जैसे बेहोशी, दौरा पड़ना, या सांस लेने में दिक्कत हो सकती हैं। समय पर उपचार न मिलने पर यह समस्या ब्रेन डैड तक ले जा सकती है।

पान में मिलाकर खा लीजिये ये देसी चीज, मर्दाना ताकत को बढ़ा देती है रातो-रात ऐसा कि दंग रह जाएंगे आप!

Reason of Blue Marks On Body: क्या आपके भी बिना चोट के शरीर पर पड़ जाता हैं नील

सायनोसिस के कारण

  1. कम तापमान का प्रभाव: अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से रक्त प्रवाह अस्थायी रूप से कम हो सकता है, जिससे हाथ-पैर की उंगलियों पर नीले धब्बे उभर सकते हैं।
  2. फेफड़ों का संक्रमण: जैसे निमोनिया और ब्रॉन्कियोलाइटिस।
  3. रक्त का थक्का: फेफड़ों की धमनियों में रक्त का थक्का जमने से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
  4. श्वसन तंत्र का प्रदाह: गले के ऊतक में सूजन और प्रदाह भी इसका कारण हो सकता है।
  5. जन्मजात हृदय दोष: हृदय के दोष रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं।

300 पार पहुंचे Diabetes को भी आड़े हाथ ले लेती है ये 5 देसी दालें, सिर्फ 7 दिनों में ब्लड शुगर लेवल कर देती है बैलेंस!

सायनोसिस के लक्षण

  • त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली का नीला, भूरा, या बैंगनी रंग का होना।
  • रक्त में ऑक्सीजन सैचुरेशन 85% से कम हो जाना।
  • छाती में दर्द और सांस लेने में कठिनाई।
  • सांस लेने के लिए आगे झुकने की आवश्यकता।
  • पसलियों, गर्दन, या कंधों की मांसपेशियों का उपयोग।
  • बार-बार सिरदर्द, बुखार और खून के साथ बलगम वाली खांसी।

एलर्जी बन गई काल… CT स्कैन करते ही महिला को मिली ऐसी दर्दनाक मौत, डॉक्टर्स के भी छूटे पसीने

डॉक्टर से संपर्क कब करें?

यदि निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • छाती में तीव्र दर्द।
  • गहरी सांस लेने में असमर्थता।
  • बार-बार बेहोशी या सिरदर्द।
  • खून वाली खांसी के साथ बलगम आना।

सायनोसिस का उपचार

  1. ऑक्सीजन थेरेपी: रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए यह प्राथमिक उपचार है।
  2. सीओपीडी का उपचार: इसमें इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन शामिल हैं।
  3. निमोनिया का इलाज: एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाओं का उपयोग।
  4. अन्य उपचार: हृदय दोष या रक्त थक्के के लिए विशिष्ट उपचार।

जितनी उम्र उतने ही दाने…आपके किचन में पड़ी ये सस्ती सी देसी चीज पूरे 18 रोगों का करती है ऐसा सफाया की यकीन करना भी हो जाएगा मुश्किल?

शरीर पर नीले धब्बों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। अगर ये बार-बार उभरते हैं और इनके साथ सांस लेने में परेशानी या अन्य लक्षण होते हैं, तो यह सायनोसिस का संकेत हो सकता है। समय पर निदान और उचित उपचार से इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Tags:

Blue MarksReason of Blue Marks On Body

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue