India News (इंडिया न्यूज),Drinking Water: आयुर्वेद में कहा गया है कि अगर पानी सही तरीके से पिया जाए तो वो औषधि है और अगर पानी गलत तरीके से पिया जाए तो वो जहर है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि खाने के बिना हम कुछ दिन तो जिंदा रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना हम मुश्किल से दो दिन भी जिंदा रह सकते हैं। इसलिए ये जानना जरूरी है कि पानी कैसे पीना चाहिए। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज जी ने आज के युवाओं को पानी पीने को लेकर डांटा है। उन्होंने कहा कि आज के ज्यादातर युवा सही तरीके से पानी नहीं पीते हैं। वो अक्सर प्लास्टिक की बोतल खोलकर खड़े होकर पानी पी लेते हैं। इसके कई नुकसान हैं। खड़े होकर पानी पीने का तरीका सही नहीं है। इससे सेहत को काफी नुकसान हो सकता है।
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि व्यक्ति को हमेशा बैठकर ही पानी पीना चाहिए। शांत मन से पानी पीना चाहिए। सबसे पहले बर्तन से पानी को गिलास में डालना चाहिए और फिर धीरे-धीरे पानी को गले से नीचे उतारना चाहिए। ऐसा करने से आपको पानी के संपूर्ण तत्व मिल पाएंगे। वरना यह बेकार हो जाएगा। इसका मतलब है कि आप पानी तो पी रहे हैं लेकिन शरीर के लिए इसका कोई फायदा नहीं है। प्रेमानंद महाराज जी की इस सलाह को डॉक्टर भी सही मानते हैं।
Drinking Water: डॉक्टर भी हुए मुरीद! खड़े होकर पानी पीना सेहत के लिए ज़हर
एक इंटरव्यू में आकाश हेल्थकेयर में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विक्रमजीत सिंह बताते हैं कि हमारा शरीर 70 प्रतिशत पानी से बना है। पानी हमारे शरीर में पोषक तत्वों की आवाजाही के लिए एक माध्यम की तरह काम करता है। पानी की मौजूदगी में ही शरीर के पोषक तत्व खून के जरिए शरीर के हर हिस्से तक पहुंचते हैं और वहां से गंदगी को बाहर निकालते हैं। ऐसे में पानी का असर हमारे लिए बहुत जरूरी है। इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि जब आप सीधे खड़े होकर पानी पीते हैं तो पानी बल के साथ नीचे जाता है। इससे सबसे पहला नुकसान पेट को होता है। पेट में पानी तेजी से गिरता है जिसकी वजह से लोग अक्सर एसिडिटी से पीड़ित रहते हैं। खड़े होकर पानी पीने से भोजन नली यानी एसोफैगस के स्फिंक्टर पर दबाव पड़ता है। इससे यह ढीला हो जाता है और इसकी वजह से पेट का एसिड ऊपर की तरफ चढ़ने लगता है।
खड़े होकर पानी पीने से पानी आंतों में तेज़ी से नीचे की ओर जाता है, जिससे आंतों में पानी ठीक से अवशोषित नहीं हो पाता। इससे आंतों में प्राकृतिक पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ जाता है। इतना ही नहीं, जब पानी आंतों में जबरदस्ती जाएगा तो यह शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को भी बिगाड़ देगा। इसका सीधा असर किडनी पर पड़ेगा क्योंकि तब पानी किडनी में ठीक से नहीं जाएगा और अगर पानी किडनी में अवशोषित नहीं होगा तो गंदगी किडनी से बाहर नहीं निकल पाएगी। यह गंदगी किडनी में ही रहेगी। ऐसे में किडनी की बीमारियाँ होंगी। इलेक्ट्रोलाइट्स के बिगड़ने से नसों में कमज़ोरी आएगी और इससे कई तरह के नुकसान होंगे। यहाँ तक कि दिमाग पर भी असर पड़ेगा।
अगर आप लगातार खड़े होकर तेजी से पानी पीते हैं तो इससे इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ जाएगा जिसकी वजह से इलेक्ट्रोलाइट्स के तत्व क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में बनने लगेंगे। ये क्रिस्टल जोड़ों में सूजन पैदा करेंगे और कई बार घुटनों में दर्द भी पैदा करेंगे।
विशेषज्ञ कहते हैं कि पानी धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं। हमेशा शांत मुद्रा में बैठकर पानी पिएं. हर बार पानी पीने के बीच कम से कम आधे घंटे का अंतर रखें। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप कम पानी पिएं। एक व्यक्ति को कितना पानी पीना चाहिए ये उसके शरीर, वजन, मूड और उसके काम पर निर्भर करता है, लेकिन दिन भर में कम से कम 2 लीटर पानी जरूर पिएं।
इस हरी चीज की डंडी का सेवन फाड़ कर निकाल फेकेगा सारा कचरा, फिर कभी नही होगी कोई परेशानी!