Heart Hole Sign कोरोना महामारी के दौर में सबसे ज्यादा चिंता बच्चों की सेहत को लेकर हो रही है। वैसे तो बच्चों में कोरोना के मामले बहुत कम देखने को मिले हैं, लेकिन ये देखने में आया है कि बच्चों को मौसमी बुखार अपनी चपेट में ले लेता है। किसी ना किसी इन्फेक्शन के चलते उनकी तबीयत खराब हो जाती है।
अगर बच्चों को बार बार फेफड़ों का संक्रमण हो रहा है, तो ये दिल में छेद होने के संकेत हो सकते हैं। दिल में छेद की समस्या अधिकतर बच्चों में जन्मजात ही होती है। ऐसे में इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह बड़ा होने पर जानलेवा भी हो सकता है।
दिल या हृदय हमारे शरीर का एक अहम अंग है। सेहतमंद रहने के लिए दिल का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है। ये हमारे पूरे शरीर में ब्लड पहुंचाने का काम करता है और ऊतकों यानी टिशूज तक ऑक्सीजन, पोषक तत्व पहुंचाता है। अगर इसमें थोड़ी-सी भी समस्या होती है तो हेल्थ पर गंभीर असर पड़ता है। दिल में छेद एक गंभीर रोग है। इस स्थिति में पीड़ित को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जिन बच्चों के दिल में छेद होता है, उनमें कई ऐसे लक्षण नजर आते हैं, जिनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि बच्चे के दिल में छेद हो सकता है। फेफड़ों में बार-बार संक्रमण दिल में छेद का एक प्रमुख संकेत है। हालांकि कई बार इसके लक्षण दिखने में समय लग जाता है। दिल में छेद यानी हार्ट के ऊपरी दो कक्षों (चेंबर्स) के बीच की दीवार में छेद होना होता है। इस स्थिति में ब्लड एक चैंबर से दूसरे चैंबर में लीक होने लगता है, जिससे दिल के कार्य प्रभावित होते हैं।
बॉडी के कई पार्ट्स में नीलापन आना भी दिल में छेद होने का एक प्रमुख लक्षण है। जब शुद्ध ब्ल़ड, अशुद्ध रक्त में मिलकर शरीर में प्रवाहित होने लगता है, तो बच्चे के मुंह, कान, नाखून और होठों में नीलापन दिखने लगता है।
भले ही आपका बच्चा देखने में हेल्दी है, लेकिन थोड़ी देर खेलने या कोई फिजिकल एक्टिविटी करने में बहुत जल्दी थक जाए, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह लक्षण भी दिल में छेद होने का संकेत हो सकता है।
जिन बच्चों के दिल में छेद होता है, उनमें श्वसन तंत्र से जुड़ी प्रॉब्लम ज्यादा देखने को मिलती हैं। ऐसे बच्चों को सांस लेने में कठिनाई, तेजी से सांस लेना, कभी-कभी दर्द का अनुभव करना, सांस लेते समय आवाज आना, धड़कनें तेज होना आदि परेशानी होती है।
इसके अलावा ऐसे बच्चों को ठंड अधिक लगना (गर्मी के मौसम में भी), दूध पीने में दिक्कत महसूस करना, अचानक पसीना आना और बहुत धीमी गति से वजन बढ़ने की भी समस्या होती है। इसलिए अगर आपके बच्चे में इस तरह के कोई भी लक्षण दिखें तो टालने के बजाय डॉक्टर से सलाह अवश्य करें। इस समस्या का इलाज संभव है। डॉक्टर बीमारी की कंडीशन के अनुसार इलाज का ऑप्शन अपनाते हैं।
(Heart Hole Sign)
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