India News (इंडिया न्यूज),home remedies for acidity: पेट में गैस और एसिडिटी एक ऐसी समस्या है जिससे अधिकतर लोग परेशान रहते हैं। अक्सर लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद ही पेट में गैस और एसिडिटी होने लगती है जिसके कई कारण होते हैं जैसे बिना चबाए जल्दी-जल्दी खाना खाना, ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना खाना, पाचन तंत्र की समस्या, खाने के बाद पानी पीना, कैफीन का अधिक सेवन, फैट और फाइबर का अधिक सेवन और तनाव बढ़ने से भी पेट में गैस और एसिडिटी होती है। कुछ लोग खाने के तुरंत बाद सो जाते हैं जिससे भी पेट में गैस और एसिडिटी होती है।
पेट की गैस और एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए लोग खाली पेट गोलियां खाते हैं या कई तरह के सिरप का सेवन करते हैं। एलोपैथिक दवाओं का सेवन इन पाचन समस्याओं का स्थायी इलाज नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार, पेट की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए रसोई में मौजूद मसालों का सेवन जादुई असर करता है। मेडिकल साइंस भी कुछ मसालों को गैस से छुटकारा दिलाने में कारगर मानता है। रसोई में मौजूद जीरा, अजवाइन और सौंफ का सेवन करने से पाचन से जुड़ी सभी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। अगर आप खाने के बाद अजवाइन और सौंफ को अकेले चबाते हैं तो आप पेट की गैस और अपच से आसानी से बच सकते हैं। आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कि जीरा, अजवाइन और सौंफ का सेवन कैसे पाचन को बेहतर बनाता है।
home remedies for acidity: गैस होने पर गटक लेते हैं ये गोलियां?
आयुर्वेद में गैस, एसिडिटी और कब्ज के इलाज के लिए अजवाइन एक प्रमुख घटक है। अजवाइन में थाइमोल नामक पदार्थ पाया जाता है जो पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाता है। खाने के बाद इसे चबाने से गैस, एसिडिटी और कब्ज से राहत मिलती है। अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मोडिक गुण होते हैं जो पेट में गैस और सूजन को कम करते हैं। अजवाइन गैस को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे पेट की उथल-पुथल और बेचैनी कम होती है। अजवाइन आंतों की गति को बढ़ाती है, जिससे आंतों में भोजन की गति सही रहती है और कब्ज का इलाज होता है। अजवाइन का सेवन पेट के संक्रमण से बचाता है। यह पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जिससे पाचन बेहतर रहता है।
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जीरे में थाइमोल होता है जो पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करता है। इसका सेवन करने से भोजन का पाचन सही तरीके से होता है और मल नरम होता है। जीरा कब्ज से राहत देता है और आंतों की गंदगी को साफ करता है। जीरे में एंटी-फ्लैटुलेंस गुण होते हैं जो गैस और सूजन को नियंत्रित करते हैं।
फाइबर से भरपूर सौंफ आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और मल को नरम बनाकर आसानी से बाहर निकाल देती है। यह कब्ज से राहत दिलाती है। सौंफ के सेवन से आंतों की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है। सौंफ पेट में गैस को नियंत्रित करती है, जिससे पेट हल्का महसूस होता है। जीरा और सौंफ के सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है। ये दोनों मसाले पेट में बनने वाले अतिरिक्त एसिड को नियंत्रित करते हैं, जिससे एसिडिटी और सीने की जलन से राहत मिलती है। अगर खाने के बाद इन दोनों मसालों को चबाया जाए तो पेट फूलने की समस्या से राहत मिलती है।
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