इंडिया न्यूज (Thyroid Problem)
गलत खानपान की वजह से लोगों को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। उन्हीं में से एक है थायइाइड की समस्या। थायराइड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन हो जाते हैं। स्टडी अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड विकार दस गुना ज्यादा होता है। इसका मुख्य कारण है महिलाओं में ऑटोम्यून्यून की समस्या ज्यादा होना है। अक्सर थाइरॉइड के लक्षणों को शुरूआती दौर में भांप ही नहीं पाते हैं और बाद में इसके लक्षणों की अनदेखी हमें हाइपोथाइरॉइड या हाइपरथाइरॉइड की स्थिति तक पहुंचा देती है। तो चलिए जानते हैं थायराइड कितने प्रकार का होता है लक्षण क्या हैं।
थाइराइड मानव शरीर का मेटाबॉलिक पावर हाउस है। यह गर्दन के अंदर तितली की आकार में होती है, जिसे अवटु ग्रंथि भी कहा जाता है। इससे दो प्रकार के हार्मोन उत्सर्जित होते हैं। अवटु ग्रंथि से हार्मोन कम निकलने या हार्मोन के अंडरएक्टिव रहने पर हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या होती।
हाइपरथायरायडिज्म से एट्रियल फिब्रिलेशन, ऑटोम्यून्यून और फ्रैक्चर होने की संभावना रहती है। वहीं हाइपोथायरायडिज्म, मायक्सेडेमा कोमा और मृत्यु का कारण बनता है। थायरॉइड समस्याओं का सबसे आम कारण ऑटोम्यून्यून थायराइड रोग (एआईटीडी) है। यह एक वंशानुगत यानी जेनेटिक स्थिति है। जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न करती है। ये थायराइड ग्रंथियों को अधिक हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करती है।
मुलेठी: मुलेठी का सेवन करें। मुलेठी में पाया जाने वाला प्रमुख घटक ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड थायरॉइड कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है।
ये भी पढ़ें: आपकी ये आदतें परेशान कर सकती हैं दूसरों को, जानिए कैसे ?