संबंधित खबरें
तेज चलने वालों को लेकर एक स्टडी में हुआ बड़ा खुलसा, जान लें फायदे और नुकसान
कपंकपा रहे हैं हाथ पैर, बोलने में हो रही है परेशानी…हो सकती है ये जानलेवा बीमारी, अनदेखा करने पर पड़ेगा भारी
सड़ते लीवर में जान डाल देगी ये देशी ड्रिंक, जड़ से नोंच फेकेगी सारी गंदगी, अनगिनत फायदे जान रह जाएंगे हैरान
सर्दियों में इस एक काली चीज से लोहा-लाट हो जाता है शरीर, लोहे की तरह बजने लगेंगी हड्डियां
हड्डी बना पुरूष का प्राइवेट पार्ट, डॉक्टर्स की भी फटी रह गईं आंखें, अस्पताल छोड़कर भागा मरीज
ये 5 ऐसे मुख्य साइन जो बताते है कि जरुरत से ज्यादा तेजी से काम कर रहा है आपका लिवर, जानें कैसे?
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : चीन में कोरोना के मामले लाखों-करोड़ों की संख्या में तेजी से बढ़े हैं। कोरोना के नए वैरियंट से पूरी दुनिया डरी हुई है। भारत सरकार ने अस्पतालों में तैयारियां की परख के लिए मॉक ड्रिल किया है। स्वास्थ्य विभाग बचे हुए लोगों से कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील कर रहा है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि बूस्टर लगवाने में लोग काफी कम रुचि ले रहे हैं। इस बीच, भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से कोविड-19 की दूसरी बूस्टर डोज लगाने की मांग की गई है। जी हां, IMA की केरल शाखा ने सरकार से अपील की है कि वह कम से कम स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों और ज्यादा जोखिम वाले समूहों के लिए कोरोना की दूसरी बूस्टर डोज देने पर विचार करे। आईएमए के राज्य सचिव एके रवि कुमार ने कहा, ‘वैसे, बहुत से लोगों को संक्रमण हो चुका होगा और इम्युनिटी बढ़ गई होगी लेकिन केस अचानक बढ़ने पर ज्यादा लोगों को खतरा बना रहेगा।’
उन्होंने कहा कि आगे कोरोना की एक और लहर आती है तो हम बड़ी संख्या में मामले देख सकते हैं और जोखिम ज्यादा होगा। ऐसे समय में यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि किन देशों में दूसरी बूस्टर डोज की मंजूरी दी गई है। इजरायल, अमेरिका, स्वीडन, डेनमार्क, हंगरी, कंबोडिया, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया में अलग-अलग शर्तों के साथ सुरक्षा के विशेष उपाय किए गए हैं और दूसरी बूस्टर डोज लगाई गई है। आपको बता दें, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 22.35 करोड़ एहतियाती खुराक दी गई है, जो तीसरी खुराक के लिए पात्र कुल जनसंख्या का 27 प्रतिशत है।
रवि कुमार ने तर्क रखा कि स्वास्थ्यकर्मियों और वर्करों को आखिरी डोज लिए एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। प्रतिरोधक क्षमता अब कम हो गई होगी। ऐसे में बिना शक चौथी प्रिकॉशनरी डोज की जरूरत है, जिससे वायरस के खिलाफ ज्यादा एंटीबॉडीज विकसित की जा सके।
वहीँ, वायरोलॉजिस्ट टी जैकब जॉन ने कहा कि बूस्टर वैक्सीन लगाने से लाभ यह होगा कि लोगों में भरोसा पैदा होगा कि वह मरेंगे नहीं या आईसीयू में भर्ती करने की नौबत नहीं आएगी। दरअसल, एक्सपर्ट की चिंता यह है कि चीन में फैल रहा कोरोना का नया वेरिएंट इम्युनिटी को चकमा देकर व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में इम्युनिटी के स्तर को ज्यादा रखने के लिए दूसरे बूस्टर की जरूरत महसूस की जा रही है।
अमेरिका, इजरायल समेत दुनिया के कई देशों ने उच्च-जोखिम और कमजोर लोगों के समूहों के लिए चौथे डोज की मंजूरी दी है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक चौथी डोज देने की सिफारिश नहीं की है। डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों ने दूसरी या तीसरी डोज नहीं ली है उनके लिए वैक्सीन लगवाना सबसे ज्यादा जरूरी है।
वहीँ, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट के. कोलनडाईसामी ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी डोज लेने वाले ज्यादातर स्वास्थ्य कर्मी कभी न कभी संक्रमित हो चुके होंगे और इससे उनके भीतर नैचरल इम्युनिटी विकसित हो गई होगी। उन्होंने आगे कहा कि सॉर्स-कोव1 के खिलाफ विकसित इम्युनिटी हमारे शरीर में दो दशक बाद भी रहती है और इसलिए अभी दूसरे बूस्टर डोज की सच में जरूरत नहीं है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.