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Kidney Damage: बालों की स्ट्रेटनिंग कराने वाले सावधान! मौजूद केमिकल खराब कर सकता है आपकी किडनी

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : March 29, 2024, 3:58 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Kidney Damage: अक्सर महिलाएं अपने उलझे, रूखे, बेजान बालों को मुलायम और चमकदार बनाने के लिए केराटिन ट्रीटमेंट लेने लगी हैं। इसका क्रेज इतना ज्यादा बढ़ गया है कि हेयर ट्रीटमेंट कराना महिलाओं की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। बालों को स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग कराने के लिए ब्यूटी पार्लर जाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन हाल ही में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।

दरअसल, सैलून में बाल स्ट्रेट करवाने के बाद एक महिला की किडनी खराब हो गई। जारी एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 साल की महिला को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। महिला जून साल 2020, अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 में हेयर ट्रीटमेंट के लिए सैलून गई। हेयर ट्रीटमेंट के बाद महिला को उल्टी, दस्त, बुखार और पीठ दर्द का अनुभव हुआ।

केमिकल से खराब हो सकती है किडनी

बता दें कि, यह बस इतना ही नहीं महिला ने हेयर ट्रीटमेंट के दौरान सिर की त्वचा पर जलन महसूस होने और कुछ समय बाद अल्सर होने की भी शिकायत की। इस मामले को द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित करने वाले डॉक्टरों ने महिला के रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बहुत अधिक पाया। जो इस बात का संकेत देता है कि उनकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है।

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त्वचा से कि़डनी तक पहुंचता है एसिड 

उस महिला के पेशाब से खून आ रहा था लेकिन संक्रमण का कोई भी लक्षण नजर नहीं आ रहा था। उसके बालों पर एक स्ट्रेटनिंग क्रीम लगाई गई थी जिसमें ग्लाइऑक्सिलिक एसिड था। शायद इसी केमिकल की वजह से महिला की खोपड़ी जल गई थी। ग्लाइऑक्सिलिक एसिड और गुर्दे की क्षति के बीच संबंध को बेहतर ढंग से समझने के लिए डॉक्टरों ने चूहों पर प्रयोग किया। डॉक्टरों ने पाया कि एसिड त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो गया और किडनी तक पहुंच गया।

चूहों पर हुआ परीक्षण

इस एसिड के बारे में जानने के लिए डॉक्टरों ने पांच चूहों की पीठ पर एक सैलून-शैली सीधा करने वाला उत्पाद लगाया, जिसमें 10% ग्लाइऑक्सिलिक एसिड था। इसी तरह पांच चूहों पर पेट्रोलियम जेली लगाई गई। 28 घंटों के बाद जिन चूहों पर हेयर प्रोडक्ट लगाया गया था उनके खून में अन्य चूहों की तुलना में क्रिएटिनिन नामक रसायन का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। उनके गुर्दे में बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम ऑक्सालेट मोनोहाइड्रेट था, जो उन चूहों में नहीं था जिन्हें पेट्रोलियम जेली दी गई थी।

परिक्षण में क्या आया रिजल्ट

परिक्षण में चूहों के मूत्र में छोटे क्रिस्टल पाए गए यह ऐसे दिखते थे जैसे उन्होंने गलती से एथिलीन ग्लाइकॉल नामक खतरनाक रसायन पी लिया हो। यह रसायन हमारे घरों और दफ्तरों में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों में पाया जाता है। महिला का इलाज कर रहे डॉक्टरों का मानना है कि बालों को सीधा करने या चिकना करने वाले उत्पादों में ग्लाइऑक्सिलिक एसिड के इस्तेमाल के संभावित खतरों के बारे में चेतावनी दी जानी चाहिए।

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