India News (इंडिया न्यूज),Corona Virus: दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले चुका कोरोना वायरस एक बार फिर पैर पसार रहा है। इस साल जून में जर्मनी के बर्लिन में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट XEC (MV.1) मिला था। जानकारी के मुताबिक यह वैरिएंट दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। स्क्रिप्स रिसर्च आउटब्रेक.इन्फो पेज पर 5 सितंबर को दी गई जानकारी के मुताबिक अमेरिका के 12 राज्यों और 15 देशों में इस वैरिएंट के 95 मरीज मिले हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के डेटा इंटीग्रेशन स्पेशलिस्ट माइक हनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी है कि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया के करीब 27 देशों में इस नए वैरिएंट के 100 से ज्यादा मरीजों की पहचान हो चुकी है। माइक हनी ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में यह वैरिएंट ओमिक्रॉन के DeFLuQE की तरह चुनौती बन सकता है।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, इस महीने के पहले दो सप्ताह में ओमिक्रॉन वैरिएंट का KP.3.1.1 स्ट्रेन (जिसे DeFLuQE के नाम से जाना जाता है) हावी रहा है। 1 से 14 सितंबर के बीच अमेरिका में करीब 52.7% मरीजों में यह वैरिएंट पाया गया है। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस गति से XEC वैरिएंट फैल रहा है, वह जल्द ही KP.3 वैरिएंट के बाद दूसरा सबसे बड़ा खतरा बन सकता है।
दुनियाभर में एक बार फिर पैर पसार रहा है कोरोना वायरस
Recombinant variant XEC is continuing to spread, and looks a likely next challenger against the now-dominant DeFLuQE variants (KP.3.1.1.*).
Here are the leading countries reporting XEC. Strong growth in Denmark and Germany (16-17%), also the UK and Netherlands (11-13%).
🧵 pic.twitter.com/rLReeM9wF8— Mike Honey (@Mike_Honey_) September 15, 2024
रिपोर्ट्स के अनुसार, जर्मनी, डेनमार्क, ब्रिटेन और नीदरलैंड में XEC वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस वैरिएंट में कुछ नए म्यूटेशन भी हो रहे हैं, जिसके कारण यह सर्दियों में तेजी से फैल सकता है, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन कारगर है।
XEC वैरिएंट को लेकर स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक एरिक टोपोल का कहना है कि यह तो अभी शुरुआत है। एरिक का मानना है कि आने वाले कुछ हफ्तों या महीनों में यह वेरिएंट और तेजी से फैल सकता है, जिससे कोरोना वायरस की एक और लहर आ सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पहले के मुकाबले अब टेस्ट कम हो रहे हैं, जिससे यह पता लगाना फिलहाल मुश्किल है कि यह वायरस कितना फैल चुका है।
डेटा विशेषज्ञ माइक हनी के मुताबिक, इस वेरिएंट की पुष्टि सबसे पहले भारत के महाराष्ट्र में हुई थी, जिसके बाद अमेरिका समेत 9 अन्य देशों में XEC (MV.1) वेरिएंट के मरीज मिले। वहीं, चीन, यूक्रेन, पोलैंड और नॉर्वे में भी मरीजों में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है।
इस वेरिएंट के लक्षण भी बुखार और जुकाम जैसे हैं। इसमें तेज बुखार, बदन दर्द, थकान, खांसी और गले में खराश हो सकती है। इसके अलावा सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द, स्वाद और गंध का न आना, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। कोरोना वायरस से पीड़ित ज्यादातर लोग कुछ हफ्तों में ठीक महसूस करने लगते हैं, लेकिन इस वेरिएंट से संक्रमित मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है।
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