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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Mental Health : खासतौर पर महिलाएं घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारियां निभाने के चक्कर में एक साथ कई काम पूरे करने की कोशिश में लग जाती हैं। इससे तनाव बढ़ता है और मस्तिष्क प्रभावित होता है। परेशनी यह है कि जब वे एक साथ सारे काम करना चाहती हैं तो काम बनने के बजाय बिगड़ जाते हैं। इसका असर मन-मस्तिष्क पर होने लगता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति होती है कि ध्यान न तो किसी एक काम पर रहता है, न ही दिमाग चीजों को ठीक से याद रख पाता है। इसे चिकित्सकीय भाषा में ब्रेन फॉग कहते हैं। लेकिन यह इन्हीं लक्षणों तक सीमित नहीं है।
साफ शब्दों में कहा जाए तो जब मस्तिष्क की सोचने और एक जगह ध्यान लगा पाने की क्षमता प्रभावित हो जाती है तो उसे ब्रेन फॉग कहते हैं। इस समस्या का कारण है चिंता, नींद पूरी न होना या किसी बात को अधिक सोचना। किंतु कई मामलों में मल्टीटास्किंग यानी कि बहुत सारे काम एक साथ करने के कारण भी यह समस्या हो सकती है। यदि आप भी कामकाज के दौरान ऐसा महसूस करती हैं, तो आपको कुछ देर ठहरकर दिमाग को आराम देने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं खुद में बदलाव लाकर मन और मस्तिष्क की इस धुंध को कैसे दूर करें।
स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग: एक अध्ययन मुताबिक स्क्रीन से निकलने वाली किरणें भूलने की आदत, असमय थकान, नींद न आना और भावनात्मक आचरण में बदलाव के लिए भी जिम्मेदार है।
अपर्याप्त नींद: स्वस्थ मस्तिष्क के लिए 7-8 घंटों की नींद आवश्यक है। किंतु घंटों विश्राम करने के बाद भी तरोताजा महसूस न करना या निरंतर विचारों के चलते रहने के कारण नींद पूरी न होना दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं दे पाता है जिसके कारण ब्रेन फॉग की समस्या होने लगती है।
एक-एक कर काम करें: अगर घर-परिवार और कामकाज की जिम्मेदारियां हैं तो एक साथ सारे काम करने की आवश्यकता नहीं है। काम को एक-एक करके पूरा करें। सबसे जरूरी काम पहले कर लें। एक साथ दो काम न करें, जैसे कि आमतौर पर महिलाएं एक तरफ दूध उबालने के लिए आंच पर रख देती हैं और दूसरी तरफ मुड़कर सब्जी काटने में व्यस्त हो जाती हैं। ध्यान भटकने के कारण काम पूरा नहीं होता। उल्टा बिगड़ जाता है। बेहतर होगा कि एक काम पर ध्यान लगाया जाए, जिससे काम समय पर पूरा होगा और उलझन भी नहीं होगी।
अच्छी नींद जरूर लें: अगर रात में ठीक से नींद नहीं लेंगी, तो दिनभर दिमागी रूप से थकावट रहेगी। सोने का समय तय करें और आठ घंटे की नींद अवश्य लें। अगर किसी कारणवश रात को नींद पूरी नहीं हो पाती है तो दोपहर के वक़्त 15-20 मिनट की झपकी ले लें। ध्यान रहे, दोपहर में पूरी नींद न लें, अन्यथा रात की नींद गड़बड़ाएगी।
व्यायाम या सैर करें: सुबह के समय व्यायाम करें। यदि व्यायाम न कर सकें तो सुबह या शाम के समय खुली हवा में सैर करें। इससे मन और मस्तिष्क को आराम मिलेगा। शारीरिक कसरत भी हो जाएगी। थोड़ा समय ध्यान लगाने के लिए भी निकाल सकती हैं।
काम से विराम लें: कई महिलाएं सुबह की चाय भी काम करते-करते पीती हैं। रुके बिना कोई भी कार्य करना दिमाग को थका सकता है। लिहाजा हर काम के बीच-बीच में दिमाग और शरीर को विराम दें। अगर सुबह के समय खाना बना रही हैं तो रोटी बनाने के बाद कुछ मिनट बैठकर चाय पी लीजिए। उसके बाद दूसरे काम की शुरूआत करें।
कुछ दिलचस्प करें: हर दिन कुछ समय सिर्फ़ खुद के लिए निकालें। इसमें संगीत सुनें, कुछ रचनात्मक सीखें। अखबार या किताब पढ़ने जैसी गतिविधियां, जिनमें आपकी दिलचस्पी हो, भी कर सकती हैं। इससे मन अच्छा होगा। नई प्रेरणा के संचार के साथ तनाव भी घटेगा।
मन में कुछ न रखें: किसी चिंताजनक विचार को मन में दबाकर रखने या बार-बार सोचकर तनाव लेने से बेहतर है कि आप उसे परिजनों या विश्वसनीय व्यक्ति से साझा करें। इससे तनाव कम होगा और मन हल्का रहेगा। लोगों के साथ मिलने-जुलने से भी दिमाग की उलझन दूर होगी। Mental Health
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