इंडिया न्यूज:
गर्मियां मार्च से शुरू हो जाती हैं जो अप्रैल, मई और जून आते आते तेजी दिखाती है। इसका नतीजा शीत पित्त, फोड़े-फंसी, मुंहासे के रूप में शरीर पर नजर आने लगते हैं। इसको सही करने के लिए लोग न जाने क्या क्या नुस्खे अजमाते हैं। उन्हीं में से एक है नीम।
आपको बता दें कि स्वाद के लिहाजे से देखें तो नीम कड़वी होती है। वहीं नीम में कई गुण पाए जाते हैं। जैसे-उल्टी, बुखार, बवासीर, कफ, पित्त, सूजन और पेट फूलना जैसी समस्याओं में आराम पहुंचाती है। तो आइए जानते हैं शरीरिक समस्याओं में कितनी फायदेमंद है नीम।
बेहद उपयोगी है Neem की पत्तियां-फूल
- पहले के समय में नीम की कोमल पत्तों का जूस पीकर कई उपचार किए जाते थे लेकिन अब यह चलन धीरे-धीरे कम हो रहा है। शहरों में इसके पेड़ों की घटती भी इसकी एक वजह है। नीम की कोमल पत्तियां और फूल सभी बेहद उपयोगी हैं। नीम का कड़वा रस कफ-पित्त को दूर करता है। इसकी पत्तियों में ऐंटीसैप्टिक और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण मिलते हैं। नीम के बीज यानी निबोली घाव को भरने का काम करते हैं।
- गर्मी में नीम के फूलों का रस लेने से बॉडी डिटॉक्स होता है। इससे शरीर की गरमी दूर होती है और सालभर शरीर बीमारियों से दूर रहता है। नीम का पत्ता और फूल समान मात्रा में लेकर इसका रस निकाल लें। इस रस को रोज सुबह 20 से 25 मिली खाली पेट लें। बीमारियों से लड़ने में मजबूती मिलेगी। स्किन डिजीज से बचेंगे।
शरीर से कफ-पित्त दूर भगाए Neem का पानी
- इस मौसम में शरीर में ज्यादा पित्त बन रहा हो, तो नीम के पत्तों का रस पिए। इससे उल्टी होगी और पित्त बाहर निकल जाएगा। शरीर में फुंसियां हो गई हो, तो नीम की उबली हुई पत्तों की पुलटिस लगाने से फोड़े फटकर जल्दी ठीक हो जाते हैं। इस पुलटिस का उपयोग सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है।
- दरअसल इससे अधिकांश स्किन डिसीज होने की वजह कफ-पित्त दोष माना जाता रहा है। कड़वा होने के कारण नीम इस दोष को खत्म करता है। नीम में मौजूद रसायनों में वायरस और फंगस को मारने के गुण होते हैं। मुंहासे, ऐग्जीमा, त्वचा में जलन जैसी त्वचा की परेशानियों में नीम की हरी पत्तियों का पेस्ट लगाने से फायदा पहुंचता है।
पेट के कीड़ों से छुटकारा दिलाए Neem
स्किन डिजीज होने पर इसके पत्तों को उबालकर इससे घाव धोने पर संक्रमण कम हो जाता है। इसके दोबारा होने की आशंका कम हो जाती है। किसी के पेट में कीड़े हो जाते हैं, तो इसके पत्तों का रस पीने से इससे छुटकारा पा सकते हैं। नीम का रस पी नहीं पाते हैं, तो एक छोटी कटोरी नीम के पत्तों में चुटकी भर हींग मिलाकर चबाकर खाएं।
Neem का रस मसूड़ों को मजबूत बनाए
- कहते हैं कि चैत्र महीने के पहले 8 दिन में सूखे पत्ते, मुट्ठीभर फूल, दो काली मिर्च, चुटकीभर हींग, जीरा, अजवायन, दालचीनी को खाएं। यह सालभर बीमारियों से दूर रखेगा। नीम की टहनियों का टूथब्रश के रूप में इस्तेमाल किए जाए। तो इससे दांतों की सड़न बंद हो जाती है। मसूड़ों से खून नहीं आता। कड़वा रस मसूड़ों को मजबूत बनाता है। दांतों के हिलने की समस्या को दूर करता है।
- गर्मी से त्वचा में छोटे-छोटे फफोले होते हैं जिसे अर्टिकेरिया (पित्ती) कहा जाता है। जिस किसी को भी फोड़े-फुंसी की परेशानी हो तो वह 9-10 दिनों तक इसके पत्तियों और फूलों का रस पिएं, तो यह समस्या दूर होगी।
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