Reproductive Health:जानिए क्यों पड़ता हैं महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर बुरा असर, क्या है उसका कारण। Reproductive Health: Know why women's reproductive health is adversely affected, what is the reason for it. - India news
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Reproductive Health:जानिए क्यों पड़ता हैं महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर बुरा असर, क्या है उसका कारण

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : January 28, 2024, 2:15 pm IST
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Reproductive Health:जानिए क्यों पड़ता हैं महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर बुरा असर, क्या है उसका कारण

ESTROGEN HORMONE

India News (इंडिया न्यूज), Reproductive Health: क्यों बढ़ाएं एस्ट्रोजन लेवल? शरीर की ओवरऑल हेल्थ का ध्यान रखने में इस हॉर्मोन का बड़ा रोल होता है। फीमेल बॉडी में इसके हाई प्रोडक्शन के बाद भी कुछ कारणों के चलते इसकी कमी देखने को मिलती है जिसके कारण महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है।

क्या है ये एस्ट्रोजेन हार्मोन?

एस्ट्रोजेन-हार्मोन का एक समूह है जो महिलाओं में सामान्य यौन और प्रजनन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे सेक्स हॉर्मोन भी कहा जाता है। शरीर में इस हार्मोन की कमी कई समस्याएं पैदा कर सकती हैं। ये हॉर्मोन भले ही कम मात्रा में पाया जाता है, लेकिन खासतौर से महिलाओं में इसका लेवल लो होने से कई नुकसान होते हैं। वैसे तो महिलाओं में ये हॉर्मोन हाई लेवल में प्रोड्यूस होता है, लेकिन अक्सर प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के वक्त एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी देखने को मिलती है।

मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने के अलावा, एस्ट्रोजेन प्रजनन पथ, मूत्र पथ, हृदय और रक्त वाहिकाओं, हड्डियों, स्तनों, त्वचा, बालों, श्लेष्म झिल्ली, श्रोणि की मांसपेशियों और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। इसकी कमी से महिलाओं के अंदर सिरदर्द, स्ट्रेस, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इसके अलावा ये कमजोर हड्डियों से लेकर एंग्जायटी, डिप्रेशन और ड्राई स्किन के लिए भी जिम्मेदार होता है।

Increasing Estrogen Level

Increasing Estrogen Level

कैसे करें इसकी कमी पूरी?

एक्सरसाइज– अपने रूटीन में एक्सरसाइज को जगह देकर शरीर में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ाया जा सकता है। इसकी कमी होने से शरीर में थकान भी देखने को मिलती है, ऐसे में थोड़ा-थोड़ा ब्रेक लेकर वर्कआउट करना एक बेस्ट ऑप्शन है।

पर्याप्त नींद – एस्ट्रोजन लेवल को कंट्रोल करने के लिए कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। 8 घंटे की बेहतर नींद लेना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इससे शरीर में हार्मोनल बदलाव से लड़ने की क्षमता पैदा होती है जिससे एस्ट्रोजन लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।

डाई फ्रूट्स – डाई फ्रूट्स को एनर्जी का पावर हाउस भी माना जाता है। इनके सेवन से भी बॉडी में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ाया जा सकता है। पिस्ता, अखरोट, खजूर और बादाम इसके लिए बढ़िया ऑप्शन्स हैं।

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