Hindi News / Health / Sadabahar Leaf Amrit Hidden In Every Piece Root To Flower It Will Eliminate 4 Diseases By Tearing Them Apart

जड़ से लेकर फूल तक टुकड़े-टुकड़े में छिपा है अमृत! इन 4 रोगों का नोच-नोच कर करेगा सफाया, हर सांस में घोल देगा सेहत की मिश्री!

Sadabahar Leaf: इसकी जड़, पत्ते, फूल, तना, हर चीज में अमृत रस छिपा है। इसीलिए इसका नाम सदाबहार या सदासुहागन है। सदाबहार के फूल देश के लगभग हर कोने में खिलते हैं। सदाबहार पौधे के फूल 12 महीने खिलते हैं, इसीलिए इसे सदाबहार फूल कहते हैं। आयुर्वेद में सदियों से सदाबहार पौधे से कई तरह के उपचार किए जाते हैं।

BY: Preeti Pandey • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Sadabahar Leaf: इसकी जड़, पत्ते, फूल, तना, हर चीज में अमृत रस छिपा है। इसीलिए इसका नाम सदाबहार या सदासुहागन है। सदाबहार के फूल देश के लगभग हर कोने में खिलते हैं। सदाबहार पौधे के फूल 12 महीने खिलते हैं, इसीलिए इसे सदाबहार फूल कहते हैं। आयुर्वेद में सदियों से सदाबहार पौधे से कई तरह के उपचार किए जाते हैं। सड़क किनारे आसानी से उगने वाले छोटे सफेद और गुलाबी चमकते फूलों में अद्भुत गुण होते हैं। सदाबहार का पौधा प्रकृति का अनूठा उपहार है। मधुमेह, अस्थमा, रक्तचाप के लिए सदाबहार काल के समान है। आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि इसका काम इसके नाम के अनुरूप ही है। सदा सुहागन या हमेशा खिलने वाला यह सर्दी, गर्मी, बरसात और बसंत सहित हर महीने में खिला रहता है।

खाली पेट पत्ते चबाने के कई फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर सदा सुहागन के पत्तों को सुबह खाली पेट चबाने से कई फायदे मिलते हैं। सदाबहार के फूल की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं और आयुर्वेद में इसे सदापुष के नाम से जाना जाता है। सदाबहार की जड़, छाल और पत्तियों के साथ-साथ फूलों में भी कई गुण होते हैं। इसकी जड़ें इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाती हैं, जिससे मधुमेह के रोगी को राहत मिलती है। उन्होंने कहा, “मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। रोजाना सुबह खाली पेट इसके पत्तों का सेवन करने से न सिर्फ मधुमेह नियंत्रित रहता है, बल्कि अस्थमा के रोगियों को भी काफी राहत मिलती है।

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Sadabahar Leaf: जड़ से लेकर फूल तक टुकड़े-टुकड़े में छिपा है अमृत!

सदापुष में एल्कलॉइड नामक तत्व पाया जाता है, जो इंसुलिन का उत्पादन करता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल कई दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। अगर आपका रक्तचाप अक्सर गड़बड़ा जाता है, तो आपको सदासुहागन की चार से पांच पत्तियों का सेवन अवश्य करना चाहिए, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो इसे नियंत्रित रखते हैं और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।

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सांस संबंधी बीमारियों के लिए रामबाण

सुबह खाली पेट इसके चार से पांच पत्ते चबाने चाहिए। अगर आप फूल या पत्तियों का सेवन गर्म पानी के साथ करते हैं, तो यह और भी फायदेमंद होता है। इसका चूर्ण भी बाजार में उपलब्ध है, जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉक्टर प्रमोद ने बताया कि आजकल की जीवनशैली काफी तनावपूर्ण हो गई है, नतीजतन अनिद्रा या नींद न आने की समस्या आम बात हो गई है, जो कई बड़ी बीमारियों का कारण है। ऐसे में सदाबहार का सेवन काफी फायदेमंद होता है। आयुर्वेदाचार्य सांस संबंधी समस्याओं या मधुमेह के साथ-साथ पाचन संबंधी समस्याओं के लिए भी सदाबहार के सेवन की सलाह देते हैं। इसके पत्तों का काढ़ा सर्दी, खांसी और बुखार से राहत देता है। इसके अलावा यह दांतों और मसूड़ों की समस्याओं में भी आराम देता है।

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