India News(इंडिया न्यूज), Sunita Williams: अंतरिक्ष में बिताए गए लंबे समय का असर एस्ट्रोनॉट्स के स्वास्थ्य पर गहराई से पड़ता है। अंतरिक्ष यात्राओं की रोमांचक और वैज्ञानिक उपलब्धियों के बावजूद, यह मानवीय शरीर पर कई तरह की चुनौतियां उत्पन्न करता है। आइए, अंतरिक्ष से लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को होने वाली प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं और उनके समाधान पर विस्तार से चर्चा करें।
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण मांसपेशियां कम सक्रिय रहती हैं, जिससे उनकी ताकत कम हो जाती है। यह स्थिति एस्ट्रोनॉट्स के लिए चलने-फिरने में परेशानी पैदा कर सकती है। इसी कारण, कई बार एस्ट्रोनॉट्स को वापस आने के बाद व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है। इस समस्या को कम करने के लिए, मिशन के दौरान नियमित व्यायाम और भौतिक चिकित्सा (फिजिकल थेरेपी) आवश्यक होती है।
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गुरुत्वाकर्षण की कमी हड्डियों की घनत्व को भी प्रभावित करती है। लंबे समय तक स्पेस में रहने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार के साथ-साथ हड्डियों की मजबूती बढ़ाने वाले व्यायाम इस समस्या को कम करने में सहायक होते हैं।
स्पेस में लंबे समय तक रहने से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। एस्ट्रोनॉट्स को दृष्टि धुंधलापन और आंखों से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसे ‘स्पेसफ्लाइट एसोसिएटेड न्यूरो-ऑक्यूलर सिंड्रोम’ (SANS) कहा जाता है। नियमित नेत्र परीक्षण और उचित उपचार दृष्टि समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
स्पेस में इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे एस्ट्रोनॉट्स संक्रमण और अन्य बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। इससे बचने के लिए अंतरिक्ष में और पृथ्वी पर लौटने के बाद भी उचित पोषण, व्यायाम, और दवाइयों का उपयोग किया जाता है।
अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को कॉस्मिक रेडिएशन के संपर्क में आने का खतरा होता है। यह रेडिएशन लंबे समय में कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इस खतरे को कम करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्पेस सूट और अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाता है।
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स्पेस एडजस्टमेंट सिंड्रोम एक सामान्य समस्या है, जिसमें एस्ट्रोनॉट्स को मतली, उल्टी, और सिरदर्द का अनुभव होता है। यह स्थिति आमतौर पर अंतरिक्ष में जाने के शुरुआती दिनों में होती है। इसके लिए दवाइयों और उचित प्रशिक्षण का सहारा लिया जाता है।
इन समस्याओं से निपटने के लिए एस्ट्रोनॉट्स को मिशन से पहले और बाद में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम, पोषण संबंधी देखभाल, और नियमित चिकित्सा जांच शामिल होती हैं। स्पेस मिशन के बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर लंबे समय तक निगरानी रखी जाती है।
अंतरिक्ष यात्रा एक अद्भुत अनुभव और वैज्ञानिक उपलब्धि है, लेकिन यह एस्ट्रोनॉट्स के स्वास्थ्य के लिए चुनौतियां भी लेकर आती है। नियमित प्रशिक्षण, उचित पोषण, और स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण को और सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए लगातार शोध और प्रयास किए जा रहे हैं।