India News (इंडिया न्यूज), Sunita Williams Return From Space: नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 18 मार्च को धरती पर लौट चुके हैं। वे स्पेसएक्स क्रू कैप्सूल में सवार होकर समुद्र में उतरे। मिशन खत्म होने के बाद जब कैप्सूल खोला गया तो दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सीधे स्ट्रेचर पर लाया गया। ऐसा किसी मेडिकल इमरजेंसी की वजह से नहीं किया गया बल्कि यह स्पेसफ्लाइट के प्रभाव और सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है। अंतरिक्ष में महीनों बिताने के बाद अंतरिक्ष यात्री अचानक चल नहीं सकते। शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिसका असर संतुलन और मांसपेशियों पर पड़ता है।
पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण हमारे शरीर को नियंत्रण में रखता है। लेकिन अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) लगातार पृथ्वी की ओर फ्री-फॉल में रहता है। इससे अंतरिक्ष यात्रियों को भारहीनता का अहसास होता है और उनका शरीर खुद को इस माहौल के हिसाब से ढाल लेता है। टेक्सास में राइस यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ जॉन डेविट ने लाइवसाइंस को बताया कि गुरुत्वाकर्षण की कमी संतुलन बनाए रखने वाली प्रणाली (वेस्टिबुलर सिस्टम) को कमजोर करती है। जब अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष से लौटते हैं, तो उनका शरीर फिर से गुरुत्वाकर्षण को महसूस करने की कोशिश करता है। इससे चक्कर आना, कमज़ोरी और स्पेस मोशन सिकनेस जैसी समस्याएँ होती हैं।
Sunita Williams Return From Space: जमीन पर लौटते ही हड्डियों का हुआ ऐसा हाल
अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने वाले अंतरिक्ष यात्री अपनी मांसपेशियों और हड्डियों को मज़बूत रखने के लिए हर दिन व्यायाम करते हैं। फिर भी, मांसपेशियों और हड्डियों का नुकसान होता है, क्योंकि अंतरिक्ष में शरीर को चलने, खड़े होने और गुरुत्वाकर्षण से लड़ने की ज़रूरत नहीं होती। सुनीता विलियम्स ने डेविट को ईमेल में बताया कि हम पिछले नौ महीनों से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हम मज़बूत और तैयार महसूस करते हैं।