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इंडिया न्यूज:
आज के युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है। ज्यादातर किशोर अवस्था के युवाओं में सिगरेट पीना आम नशा हो गया है। माता पिता को अपने बच्चे पर ध्यान देना चाहिए और अगर वे धूम्रपान की लत का शिकार हैं तो आपको उन्हें इस लत से बाहर निकालना चाहिए। तो आइए इस लेख में सिगरेट पीने के नुकसान और इस लत से बच्चे को बचाने के तरीकों पर बात करते हैं।
बता दें कि धूम्रपान को भी एक सामाजिक बुराई के रूप में देखा जाता है। ज्यादातर जगहों पर धूम्रपान को निषेध किया जाता है। सिगरेट या बीड़ी के धुएं में सबसे हानिकारक रसायनों में से कुछ निकोटीन, टार, कार्बन मोनोआॅक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, फॉर्मलाडीहाइड, आर्सेनिक, अमोनिया, सीसा, बेंजीन, ब्यूटेन, कैडमियम, हेक्सामाइन, टोल्यूनि आदि हैं। ये रसायन धूम्रपान करने वालों और उनके आसपास वालों के लिए हानिकारक होते हैं।
बढ़ाए श्वसन समस्या: धूम्रपान श्वसन संबंधी विकारों जैसे अस्थमा और तपेदिक आदि के विकास में योगदान देने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारण है। धुम्रपान से श्वसन में कमी, खांसी और कफ उत्पादन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकतीं हैं। इसके अलावा धूम्रपान में मौजूद कार्बन मोनोआॅक्साइड खून में प्रवेश करता है और आपकी आॅक्सीजन-क्षमता को सीमित करता है। इससे कफ बढ़ता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
हृदय रोग का खतरा: सिगरेट में निकोटीन और अन्य जहरीले रसायन हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देते हैं। इसकी वजह से स्ट्रोक पैरालिसिस, आंशिक अंधापन, बोलने की शक्ति और यहां तक कि मौत का कारण भी हो सकती है। धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।
सांस लेने में दिक्कत: किशोरों को सांस लेने और व्यायाम करने में परेशानी हो सकती है। उन्हें सांस लेने की समस्या हो सकती है। खासकर जिन लोगों के घरों में अस्थमा के मरीज हों उन्हें ज्यादा दिक्कत हो सकती है।
प्रजनन क्षमता के लिए: प्रजनन क्षमता में कमी के लिए धूम्रपान काफी हद तक जिम्मेदार है। एक शोध मुताबिक धूम्रपान, भ्रूण के विकास में पुरुष के शुक्राणुओं और कोशिकाओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं। महिलाओं द्वारा धूम्रपान करने से गर्भस्राव या जन्म देने वाले बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। धूम्रपान से ओवुलेशन समस्याएं हो सकती है।
बढ़ाए संधिशोथ: नियमित धूम्रपान करने से रुमेटीइड गठिया का खतरा बढ़ जाता है। गैर धूम्रपान करने वालों के मुकाबले धूम्रपान करने वालों के लिए जोखिम लगभग दोगुना है। इसके अतिरिक्त आॅस्टियोपोरोसिस और हड्डी के फ्रैक्चर के लिए धूम्रपान एक प्रमुख कारण है।
फेफड़ों का कैंसर: सिगरेट पिने से फेफड़े के कैंसर की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार तम्बाकू धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के खतरे के बीच एक मजबूत संबंध है। गैर-धूम्रपान करने वालो पर भी फेफड़ों के कैंसर के विकास का जोखिम है। धूम्रपान करने वाली महिलाएँ को पुरुषों के मुकाबले फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक है।
उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया करे तेज: धूम्रपान आपकी त्वचा पर समय से पहले झुर्रिया, त्वचा की सूजन, फाइन लाइन और एज स्पॉट्स को बढ़ाने में अपना योगदान देता है। सिगरेट में निकोटीन रक्त वाहिकाओं को कम करने का कारण बनता है, जिसका अर्थ है आपकी त्वचा की बाहरी परतों में रक्त प्रवाह कम होना। कम रक्त प्रवाह के साथ, आपकी त्वचा को पर्याप्त ऑक्सीजनऔर महत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं मिलते हैं।
Take care if your child smokes
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