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India News (इंडिया न्यूज़), Uric Acid: यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द और सूजन बहुत परेशान करती है। इस दर्द की वजह से चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। यूरिक एसिड गलत खान-पान और बिगड़ती जीवनशैली की वजह से पनपने वाली बीमारी है, जिसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। साइंस डायरेक्ट पर छपी खबर के मुताबिक, 2020 में हुए एक शोध से पता चलता है कि दुनिया भर में करीब 56 मिलियन लोग हाई यूरिक एसिड से परेशान हैं और गाउट से पीड़ित हैं। यूरिक एसिड का बढ़ना एक ऐसी बीमारी है जिसे अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो इसका असर किडनी और जोड़ों पर बहुत ज्यादा पड़ता है।
यूरिक एसिड एक प्राकृतिक अपशिष्ट उत्पाद है जो रेड मीट, मीठे खाद्य पदार्थ और समुद्री भोजन के अधिक सेवन से बढ़ता है। इन खाद्य पदार्थों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है। आमतौर पर हमारी किडनी इस प्यूरीन को फिल्टर करके पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है, लेकिन जब किडनी काम करना बंद कर देती है तो यह यूरिक एसिड जोड़ों में जमा होने लगता है और गाउट का खतरा बढ़ने लगता है। हाई यूरिक एसिड की वजह से पैरों, घुटनों और टखनों में सबसे ज्यादा दर्द होता है। यदि इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो गाउट का खतरा बढ़ जाता है।
अगर आप हमेशा यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो प्राकृतिक तरीके से करें। किचन में मौजूद मसाले यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करने में काफी कारगर साबित होते हैं। अगर किचन में मौजूद हल्दी, धनिया के बीज, जीरा, मेथी के बीज और काली मिर्च से पानी बनाकर रोजाना पिया जाए तो यूरिक एसिड के लेवल को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कि कैसे ये घरेलू उपाय यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करते हैं।
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हल्दी, धनिया के बीज, जीरा, मेथी के बीज और काली मिर्च का पेय यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है। इस पेय में मौजूद हल्दी एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है जो जोड़ों के दर्द और सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
धनिया एक ऐसा मसाला है जो एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसका सेवन करने से किडनी की कार्यक्षमता में सुधार होता है और किडनी आसानी से यूरिक एसिड को बाहर निकाल देती है।
जीरा एक ऐसा मसाला है जो पाचन में सुधार करता है जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है।
मेथी के बीज एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर हैं जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह मसाला लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है जो सूजन और दर्द को नियंत्रित करता है। यह मसाला हल्दी में मौजूद करक्यूमिन के अवशोषण में मदद करता है। यह शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। यह मसाला समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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Disclaimer:इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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