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What Disease Is Caused By Smoking नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सिगरेट का सिंगल कश भी शरीर में ऐसी-ऐसी बीमारियों का दावत दे सकता है जिनके बारे में आपने सुना भी नहीं होगा। आमतौर पर लोग यह समझते हैं कि स्मोकिंग के कारण कोई जानलेवा बीमारी नहीं होती। लेकिन अध्ययन में दावा किया गया है कि स्मोकिंग के कारण जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।
अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि अगर आप स्मोकिंग नहीं छोड़ते तो आपके जीवन की गुणवत्ता खराब होनी तय है। अध्ययन में कहा गया कि सिगरेट का सिंगल कश भी लाखों फ्री रेडिकल को शरीर में बनने का मौका दे सकता है।
(What Disease Is Caused By Smoking)
इससे कोशिकाओं में सूजन आने लगती है। इसके बाद ऐसी कई बीमारियां पनप सकती है, जिनका इलाज भी संभव नहीं है। अध्ययन के मुताबिक स्मोकिंग के कारण फेफड़े का कैंसर, ब्लड कैंसर, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, स्ट्रोक और दिल की बीमारी हो सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक भारत में स्मोकिंग के बढ़ते चलन के कारण क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
डॉक्टरों के मुताबिक सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि जो लोग स्मोकर नहीं हैं, उन्हें भी स्मोकिंग की तरह ही नुकसान उठाना पड़ता है। फॉर्टिस अस्पताल में पल्मोनॉलिस्ट डॉ अंशु पंजाबी ने बताया कि सीओपीडी आम तौर पर सामान्य लेकिन दीर्घकालिक समस्या है।
इसमें पीड़ित व्यक्ति को सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हालांकि समय रहते इसका इलाज किया जा सकता है। सीओपीडी को इंफायसेमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस भी कहा जाता है। सीओपीडी कई चरण का होता है।
मरीज में बीमारी की गंभीरता के आधार पर सीओपीड को चार चरणों में बांटा जा सकता है। पहले चरण में मरीजों को पता नहीं लगता कि उन्हें क्या परेशानी है। इसमें सामान्य सर्दी, खांसी और फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं, जिनका मरीज इलाज करा लेते हैं।
दूसरे चरण में खांसी बहुत तेज होने लगती है और म्यूकस बहुत ज्यादा बनने लगता है। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर स्टेरॉयड या ऑक्सीजन थेरेपी से इलाज करते हैं। तीसरे चरण में स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है। इस स्थिति में मरीज बार-बार खांसता है। बोलते समय गले से घड़घड़ाहट की आवाज आती है।
सीने में जकड़न और टखनों में सूजन आ जाती है। चौथा चरण सबसे खतरनाक होता है। इसमें ऑक्सीजन लेवल बहुत गिर जाता है और हार्ट तथा लंग फेल्योर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह चरण बहुत घातक होता है। इसमें अगर समय पर सर्जरी, लंग ट्रांसप्लांट आदि नहीं कराया गया, तो मरीज की मौत हो जाती है।
स्मोकिंग को तुरंत छोड़ दें। जरूरी सर्तकता बरतें। डस्ट पार्टिकल से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें। लंग फंक्शन सही करने के लिए सांस संबंधित एक्सरसाइज करें। नियमित रूप से हेल्थ चेक-अप कराएं। नियमित रूप से एक्सरसाइज करे।
(What Disease Is Caused By Smoking)
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