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हार्ट अटैक से सोनाली फोगाट की गई जान, जानिए हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर में क्या अंतर

इंडिया न्यूज (Difference Between Heart Attack and Heart Failure) ये तो सभी को मालूम है की हार्ट अटैक किसी को भी अचानक आता है। जिसमें लोगों की जान तक चली जाती है। जैसे बीते कल ही टिक-टॉक स्टार और भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट का गोवा में हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया। तो चलिए […]

BY: Suman Tiwari • UPDATED :
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इंडिया न्यूज (Difference Between Heart Attack and Heart Failure)
ये तो सभी को मालूम है की हार्ट अटैक किसी को भी अचानक आता है। जिसमें लोगों की जान तक चली जाती है। जैसे बीते कल ही टिक-टॉक स्टार और भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट का गोवा में हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया। तो चलिए आज बात करते हैं हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर के बारे में, इन दोनों के बीच अंतर क्या है।

हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर क्या है ?

कहते हैं हार्ट अटैक होने पर हृदय की मांसपेशियों को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में ब्लॉकेज हो जाने की वजह से अचानक रक्त प्रवाह रुक जाता है, इसी को हार्ट अटैक कहते हैं।

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What is the difference between a heart attack, cardiac arrest and or heart failure?

वहीं हार्ट फेलियर की बात करें तो ये धीर-धीरे शुरू होता है और इसमें हृदय की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। हार्ट फेल्योर में हमारा हृदय रक्त को प्रभावी तरीके से पंप नहीं कर पाता है। यही वजह है की पूरे शरीर में रक्त सही तरीके से नहीं पहुंचता है और इस स्थिति को हार्ट फेलियर कहा जाता है। इसकी वजह से मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है और हृदय की धड़कन बंद हो जाती है।

  • क्यों होती है हार्ट अटैक की दिक्कत: खराब लाइफस्टाइल, ओवर ईटिंग, मोटापा, डाइबिटीज, अल्कोहल, स्मोकिंग, फेफड़ों में क्लॉटिंग, जेनेटिक।
  • हार्ट फेलियर क्यों आता: हार्ट अटैक होने से हार्ट फेलियर हो सकता है। जेनेटिक कारण से भी हार्ट फेलियर हो सकता है। हार्ट वॉल्व में खराबी की वजह से भी हार्ट फेलियर हो सकता है। जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति को हार्ट अटैक आने से पहले लक्षण दिखाई दे। कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, कुछ में थोड़े-बहुत दिखते हैं और कुछ में बहुत ज्यादा।

हार्ट फेलियर के लक्षण: खाँसी आना, दिल की धड़कन असामान्य होना, बहुत कम भूख लगना, पैरों में सूजन, यूरिन ज्यादा आना।

हार्ट अटैक के लक्षण: सांस लेने में दिक्कत होना, पैरों में सूजन, सीने में दर्द, ज्यादा थकान होना, कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना, बेचैनी महसूस होना।

हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर से कैसे बचें?

समय पर उठे, समय पर सोएं। रेगुलर योग या एक्सरसाइज करें। शराब, तंबाकू और सिगरेट से दूर रहें। लाइफस्टाइल में सुधार करें। जंक फूड कम खाएं, हेल्दी फूड को डाइट में शामिल करें। समय-समय पर अपना पूरा बॉडी चेकअप कराएं। बहुत ज्यादा जिम में पसीने न बहाएं। ज्यादा स्ट्रेस न लें। अगर स्ट्रेस है भी, तो उसे दूसरों से शेयर करें। मॉर्निंग वॉक करें। रात को खाने के बाद भी टहल सकते हैं। पॉजिटिव लोगों के साथ रहें, नेगिटिव बातें करने वालों से दूर रहें।

दोनों के इलाज में अंतर क्या?

  • हार्ट अटैक: इसमें हार्ट की नसों में ब्लॉकेज होता है, जिसे डॉक्टर हटाकर आपके दिल को नॉर्मल बना देते हैं।
  • हार्ट फेलियर: इसमें दिल को नॉर्मल बनाना थोड़ा मुश्किल काम होता है, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव करके, कुछ दवाइयों की मदद से और आॅपरेशन के जरिए इस सिचुएशन को सुधारने की कोशिश की जा सकती है।

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