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Benefits Of Using Turmeric: हल्दी का उपयोग करने के फायदे

India News Editor • LAST UPDATED : January 7, 2022, 1:06 pm IST

Benefits Of Using Turmeric

Benefits Of Using Turmeric: हल्दी (Turmeric) घर-घर में इस्तेमाल की जाने वाला मसाला है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा हल्दी में प्रोटीन(Protein), फाइबर(Fiber), विटामिन सी(Vitamin C), विटामिन के(Vitamin K), पोटैशियम(Potassium), कैल्शियम(Calcium), कॉपर(Copper), जिंक(Zinc) और मैग्नीशियम(Magnesium) जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। वहीं अश्वगंधा (Ashwagandha) में प्रोटीन, कैरोटीन, आयरन, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।

हल्दी और अश्वगंधा का मिश्रण पूरे शरीर के लिए ही फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से आपका इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है। साथ ही इसके सेवन से नींद अच्छी आती है और तनाव की स्थिति में भी इसका उपयोग बेहद फायदेमंद माना जाता है। तो आईए जानते है कि हल्दी के क्या-क्या फायदे होते है।

इम्यून सिस्टम बनाए Benefits Of Using Turmeric

हल्दी और अश्वगंधा दोनों के मिश्रण के सेवन से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। दोनों में ही एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिसके सेवन से कई तरह की वायरल बीमारियां भी दूर रहती है। अश्वगंधा में आयरन पाया जाता है, जिसके सेवन से शरीर में रक्त की कमी नहीं होती है।

अच्छी नींद के लिए

इसके सेवन से नींद भी अच्छी आती है। अश्वगंधा के उपयोग से अच्छी नींद आती है और तनाव भी कम रहता है। साथ ही हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के दर्द को कम करने में कारगर है इसलिए इनके सेवन से आपका हार्मोनल फंक्शन भी सही रहता है और आपको अच्छी नींद आती है।

कैंसर के लिए

हल्दी का उपयोग कैंसर के जोखिम से भी बचाव करने में सहायक हो सकता है। कुछ अध्ययनों से यह बात सामने आई कि करक्यूमिन ट्यूमर सेल्स को कम करने या उसके प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीनियोप्लास्टिक गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटीकैंसर गुण भी मौजूद होता है, जो प्रोस्ट्रेट, स्तन, और लंग्स कैंसर के जोखिम से बचाव में मदद कर सकता है।

घाव भरने में

हल्दी और अश्वगंधा के सेवन से किसी भी तरह के घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है। दोनों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो घाव के कीटाणु और इंफेक्शन से लड़कर इसे जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। साथ ही हल्दी को आप सरसों तेल में मिलाकर घाव पर बाहर से भी लगा सकते हैं।

तनाव कम करने में

अश्वगंधा में एंटी स्ट्रेस गुण होते हैं। इसमें सिटोइंडोसाइड्स और एसाइलस्टरीग्लुकोसाइड्स नामक दो कंपाउड पाए जाते हैं, जो तनाव को कम कर आपकी सेहत का ध्यान रखते हैं। अश्वगंधा और हल्दी के मिश्रण का सेवन से करने से आपको तनाव कम करने में काफी मदद मिलती है।

एंटी एजिंग गुण से भरपूर

हल्दी और अश्वगंधा एंटी एजिंग गुणों से भरपूर होते हैं। इन दोनों के प्रयोग से कई स्किन संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। साथ ही हल्दी और अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़कर आपके चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स नहीं आने देते हैं। जिसकी वजह से आपकी त्वचा लंबे समय तक चमकती नजर आती है।

पाचन में सहायक

अश्वगंधा और हल्दी के उपयोग से पेट संबंधी समस्या भी नहीं होती है। साथ ही यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके सेवन से आपको कब्ज और गैस की परेशानी में भी आराम मिलता है।

लिवर डिटॉक्स करने के लिए

लिवर से विषाक्त तत्व निकालने और लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में हल्दी सहायक हो सकती है। हल्दी के डिटॉक्सिफिकेशन और एंटीआॅक्सीडेंट गुण मरकरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से होने वाली लिवर टॉक्सिटी से बचाव में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, हल्दी में मौजूद हेपाटोप्रोटेक्टिव गुण लिवर से जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

मधुमेह के लिए

हल्दी का सेवन मधुमेह के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है। प्रीडायबिटिक आबादी पर 9 महीने तक करक्यूमिन का उपयोग लाभकारी साबित हुआ। इसका उपयोग डायबिटीज के जोखिम को कम करता पाया गया। इसके अलावा, करक्यूमिन का एंटी-डायबिटिक गुण मधुमेह में होने वाली किसी प्रकार की जटिलता के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है। 12 ग्राम तक करक्यूमिन का सेवन सुरक्षित है।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए

शरीर स्वस्थ हो, उसके लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता का सही होना आवश्यक है। यहां हल्दी मददगार हो सकती है। दरअसल, हल्दी का महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट की तरह भी काम कर सकता है। यह T व B सेल्स जैसे विभिन्न इम्यून सेल्स की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में भी मदद कर सकता है। जिससे शरीर कई तरह की बीमारियों जैसे – एलर्जी, अस्थमा, मधुमेह और हृदय रोग से लड़ सकता है।

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