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व्यक्ति के शरीर में कुछ बीमारियां बहुत आम होती हैं। जैसे-जुकाम, बुखार, खांसी आदि। वहीं कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनका जीवन में शामिल होना मौत के समान होता है। उन्हीं में एक बीमारी है हेपेटाइटिस बी। हेपेटाइटिस बी एक वायरस है जो लिवर को संक्रमित करता है। तो चलिए जानते हैं क्या है हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस बी संक्रमण कितने प्रकार के होते हैं। लक्षण व उपाय क्या हैं।
आपको बता दें कि हेपेटाइटिस बी एक संक्रामक बीमारी है, जो वायरस के कारण होती है। यह बीमारी किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है। लेकिन बच्चों में इस बीमारी के होने की आशंका अधिक प्रबल मानी जाती है। इसमें मुख्य रूप से रोगी का लिवर प्रभावित होता है। संक्रमण के कारण लिवर में सूजन आती है, जो समय के साथ अन्य शारीरिक जटिलताओं को जन्म दे सकती है। वहीं कुछ गंभीर स्थितियों में यह लिवर की घातक क्षति या सिरोसिस (लिवर का पूरी तरह से काम न करना) का कारण भी बन सकती है। हालांकि, यह स्थिति दुर्लभ है, लेकिन अत्यधिक गंभीर अवस्था में इस संक्रमण के कारण रोगी की मौत भी हो सकती है।
दरअसल हेपेटाइटिस बी के लक्षण शुरूआती दिनों में बिलकुल भी नहीं दिखाई देते। लेकिन कुछ स्थितियों में आपको निम्न प्रभाव देखने को जरूर मिल सकते हैं। जैसे-कुछ दिनों या हफ्तों तक कमजोरी का महसूस होना। जल्दी-जल्दी बीमार होना। भूख की कमी। अत्यधिक थकान। हल्का बुखार। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या। मतली और उल्टी की समस्या। त्वचा पर पीलापन। गाढ़े रंग का पेशाब होना।
हेपेटाइटिस बी के इलाज की बात करें तो सामान्य तौर पर एक्यूट और क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के दोनों ही प्रकार में किसी भी निर्धारित इलाज की आवश्यकता नहीं होती। जरूरत होती है तो बस भरपूर आराम की। साथ ही इस दौरान डॉक्टर अधिक से अधिक पेय पदार्थों के साथ स्वस्थ भोजन करने की सलाह देते हैं। हां, यह जरूर है कि ब्लड टेस्ट के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति में वायरस की सक्रियता के स्तर और उससे पड़ने वाले अन्य अंगों पर प्रभाव की निगरानी जरूर की जाती है। जांच में अगर पुष्टि होती है कि व्यक्ति क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से पीड़ित है और वायरस शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है तो उससे बचाव के लिए एंटीवायरल दवाओं का सेवन करने की डॉक्टर सलाह देता है।
प्रयोग कैसे करें: खाद्य सामग्रियों में लहसुन का प्रयोग जरूर करें। चाहें तो लहसुन को सीधे खाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पूरे दिन में एक एक बार लहसुन का सेवन जरूर करें।
कैसे इस्तेमाल करें: एक कप पानी को सॉस पैन में लेकर उसमें अदरक के टुकड़े डालें और गैस पर उबलने तक चढ़ा दें। अच्छे से पानी उबलने के बाद उसे एक कप में छानकर अलग कर लें और हल्का ठंडा होने का इंतजार करें।
जब पानी गुनगुना हो जाए तो उसे सिप करके पिएं। इस प्रक्रिया को दिन में करीब एक से दो बार दोहराया जा सकता है।
प्रयोग कैसे करें: सबसे पहले एक कप गर्म पानी लें। अब कप में मिल्क थिसल टी बैग डालकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें। समय पूरा होने के बाद तैयार चाय को सिप करके पिएं। नियमित रूप से इस चाय को दिन में एक से दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
बच्चों को जन्म के तुरंत बाद और फिर छठे महीने से 18वें महीने के बीच तीन चरण में इसके टीके लगवाएं। 19 साल से कम उम्र के बच्चे जिन्हें अभी तक हेपेटाइटिस बी नहीं हुआ है। वह भी इससे सुरक्षा के लिए हेपेटाइटिस बी से बचाव का टीका लगवा सकते हैं। अगर गर्भवती महिला को हेपेटाइटिस बी की समस्या है तो ऐसे में जन्म के बाद बच्चों को 12 घंटों के अंदर इससे संबंधित विशेष टीकाकरण अवश्य करवाएं। अगर संक्रमण के 24 घंटों के भीतर हेपेटाइटिस बी इम्यून ग्लोब्लिन टीका लगवा लिया जाए तो संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है। अगर शराब का सेवन करते हैं तो उसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दें। (Hepatitis B Causes, Symptoms And Home Remedies in Hindi)
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