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Yoga for diabetes अगर है डायबिटीज तो करें यह योग

Mukta • LAST UPDATED : October 12, 2021, 11:41 am IST

Yoga for diabetes डायबिटीज या मधुमेह की समस्या आमतौर पर कमजोर मेटाबॉलिज्म की वजह से ही होती है। समय के साथ अगर इस पर काम ना किया जाए तो यह ब्लड शुगर लेवल को अधिक बढ़ाने का कार्य करता है। डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान और जीवनशैली का खास ख्याल रखना चाहिए। योग के नियमित अभ्यास से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
आज के समय में डायबिटीज की समस्या आम हो गयी है। आजकल बुजुर्ग ही नहीं, युवा वर्ग भी लोग भी इस समस्या से पीड़ित हैं। डायबिटीज में मरीज का ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ जाता है।

डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान और जीवनशैली का खास ख्याल रखना चाहिए। योग के नियमित अभ्यास से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताने जा रहे हैं जिनके अभ्यास से शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

हलासन (Yoga for diabetes)

हलासन के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
सांस ले और अपने दोनों पैरों को 90 डिग्री तक सीधा ऊपर की ओर लेकर जाएं।
इसके बाद अपनी कमर और हिप्स को हाथों के जरिए सहारा दें।
इसके बाद अपने पैरों को सिर के ऊपर से सीधा पीछे की ओर ही ले जाने का प्रयास करें। अपने पैरों से जमीन को छुए और पैर सीधे ही रखें।
कुछ देर इस मुद्रा में बने रहें और फिर वापस आराम की मुद्रा में जाएं।
इस आसन को 3 से 5 बार दोहरा सकते हैं।

सावधानी

ऐसी महिलाएं जो गर्भवती है या वह लोग डायरिया, और हाई बीपी या कमर दर्द का शिकार हैं वह इस आसन को बिल्कुल ना करें। इसके अलावा आसन करते समय अपनी गर्दन पर दबाव बिल्कुल ना बनाएं।

पश्चिमोत्तानासन (Yoga for diabetes )

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधा बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक-दूसरे से सटाकर रखें। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपकी कमर बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए। अब झुककर दोनों हाथों से अपने पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ें। ध्यान रखें कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए और पैर भी जमीन से सटे हुए होने चाहिए।

लाभ

इस आसन के अभ्यास से शरीर का पाचनतंत्र मजबूत होता है और शरीर में रक्त का संचार तेजी से होता है। इससे व्यक्ति को डायबिटीज से लड़ने में आसानी होती है।

पवनमुक्तासन (Yoga for diabetes)

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
अब अपने दोनों पैरों को हाथों की मदद से शरीर की ओर मोड़ कर रखें।
सांस ले और फिर अपने दाहिने घुटने को अपनी चेस्ट की तरफ लाते हुए सांस छोड़ें और अपने हाथों से जांघ को अपने पेट पर दबाएं।
इसके बाद अपने सिर और छाती को ऊपरी की तरफ उठाते हुए अपनी ठुड्डी को दाहिने घुटने पर टच करें।
कुछ क्षणों के लिए रूके एवं सांस लें और छोड़ें।
इसके बाद पूरी तरह सांस छोड़ते हुए आराम की मुद्रा में नीचे आ जाएं।
इसके बाद अपने दूसरे पैर से भी इस आसन को दोहराएं। यह आसन आप 3 से 5 बार तक कर सकते हैं।

सावधानी

आसन को करते हुए अपनी गर्दन पर अधिक प्रेशर बिल्कुल ना डालें। साथ ही ना तो बॉडी को ज्यादा स्ट्रेच करें और ना ही थाईज को अधिक खीचें।

शवासन (Yoga for diabetes )

जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें और हाथों को बगल में सीधा रखें। हथेलियों को ऊपर की ओर रखें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। आंखों को बंद कर लें। सांस को सामान्य ही रखें और अपना पूरा ध्यान अब अपनी सांसों पर केंद्रित करें।

लाभ

यह आसन मन को शांत करता है जिससे सभी ग्रंथियाँ सक्रिय रूप से काम करती हैं। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

सर्वांगासन (Yoga for diabetes )

इस आसन को करते हुए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
इसके बाद अपने पैर, कमर, हिप्स को कंधों की मदद से ऊपर की तरफ उठाएं।
अपनी कमर को हाथों से सपोर्ट करें ताकि बैलेंस बना रहें।
अपना ध्यान कंधों पर केंद्रित करें और महसूस करें कि सारा भार कंधों और हाथ के ऊपरी भार पर ही है।
इस दौरान अपने सिर और गर्दन पर किसी तरह का प्रेशर ना बनाएं। इन्हें फ्री रहने दें।
अपने पैरों को जितना हो सके उतना ऊपर की तरफ जाने दें।
इसके बाद आराम की मुद्रा में आए और रिलैक्स करें।
अब इस आसन को अपनी क्षमता के मुताबिक जितना हो सके दोहराएं।

सावधानी

अगर आपको स्लिप डिस्क, हाई बीपी, गर्दन दर्द, हृदय रोग, और थायराइड की समस्या है तो इस आसन को बिल्कुल भी न करें। साथ ही गर्भवती महिलाएं और मासिक धर्म के समय या आसन ना करें।

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