India News HP(इंडिया न्यूज), Himachal News: हिमाचल प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बेरोजगारी और भर्ती पेपर लीक बड़ा मुद्दा था। सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने बेरोजगार युवाओं को पांच लाख नौकरियां देने का वादा किया था। कांग्रेस के इस वादे के बाद सत्ता में आने के बाद प्रदेश के बेरोजगार युवाओं में उम्मीद जगी थी।
हिमाचल प्रदेश में अब बेरोजगार युवा सरकार से नाराज हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश में युवा बेरोजगार संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 20 सितंबर को बेरोजगार संघ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करेगा। इस मुलाकात के दौरान संघ सीएम को आठ सूत्रीय मांग पत्र सौंपेगा।
हिमाचल प्रदेश युवा बेरोजगार संघ ने प्रदेश भर के बेरोजगार युवाओं से 20 सितंबर को राज्य सचिवालय में एकत्रित होने का आह्वान किया है। बेरोजगार युवाओं ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले दो सालों में 10 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की है।
युवाओं ने दावा किया कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस आउटसोर्सिंग नीति का विरोध करती रही। इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार थके-हारे और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बार-बार अवसर दे रही है। इससे प्रदेश के बेरोजगार युवा परेशान हैं। प्रदेश के बेरोजगार युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
शिक्षित बेरोजगार संघ से जुड़े पवन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने 6500 से अधिक पद सृजित किए हैं, लेकिन अभी तक कोई नई भर्ती नहीं हुई है। इससे युवाओं में रोष है। प्रदेश के युवा चाहते हैं कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द भर्तियां लागू करे। उन्होंने कहा कि हिमाचल के अधिकतर युवा सरकारी नौकरी करना चाहते हैं। इसके लिए प्रदेश के युवा काफी समय से तैयारी भी कर रहे हैं। युवाओं ने पढ़ाई में कई साल लगा दिए हैं, ऐसे में प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द नई भर्तियां जारी करनी चाहिए, ताकि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके।
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